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खादी हमारी सभ्यता, संस्कृति, परम्परा और स्वदेशी होने का परिचायक : हेमन्त सोरेन 

खादी हमारी सभ्यता, संस्कृति, परम्परा और स्वदेशी होने का परिचायक : हेमन्त सोरेन 

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मुख्यमंत्री ने ‘राष्ट्रीय खादी एवं सरस महोत्सव 2023-24’ का किया शुभारम्भ

Khadi is a symbol of our civilization, culture, tradition and being indigenous: Hemant Soren, Chief Minister inaugurates ‘National Khadi and Saras Mahotsav 2023-24’ : खादी सिर्फ एक पहनावा मात्र नहीं है। यह हमारी सभ्यता, संस्कृति, परम्परा और स्वदेशी होने का परिचायक है। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने रविवार को राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में ‘राष्ट्रीय खादी एवं सरस महोत्सव 2023-24’ का उद्घाटन करते हुए ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि हम सभी इस बात से भली-भांति वाकिफ हैं कि खादी के साथ महान शख्सियत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का नाम जुड़ा है, जिन्होंने देश-दुनिया में खादी को अलग पहचान दी। ऐसे में हम सभी को खादी से जुड़ने की जरूरत है, ताकि हम अपनी पारम्परिक ग्रामीण और स्वदेशी व्यवस्था को और मजबूत करते हुए आगे ले जा सकें।

हम अपनी परम्परा और संस्कृति को साथ लेकर चल रहे

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भौतिकवादी युग और तकनीक का जमाना है। मशीनों के साथ हम जी रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी अपनी परम्परा, संस्कृति और सभ्यता को साथ लेकर आगे बढ़ रहे हैं। खादी एवं सरस महोत्सव का आयोजन इसी कड़ी का एक हिस्सा है, जिसके जरिये हम अपनी ग्रामीण-देसी पारम्परिक और पूर्वजों की व्यवस्था को संजोये हुए हैं और आज की पीढ़ी को उससे अवगत करा रहे हैं।

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स्वदेशी व्यवस्था को मजबूत करने की है जरूरत 

मुख्यमंत्री ने कहा कि जमाना चाहे जितना आगे बढ़ जाये, लेकिन हमारे देश और राज्य में आज भी ग्रामीण तथा स्वदेशी व्यवस्था की अहमियत बरकरार है। खादी जैसा ग्राम उद्योग इसी का एक उदाहरण है। गांव-देहात की ऐसी व्यवस्थाओं को हमें हर हाल में आगे ले जाना है और इसके लिए  इससे जुड़ीं चुनौतियों से निपटना होगा। यह सिर्फ सरकार के स्तर पर सम्भव नहीं है, इसके लिए हर व्यक्ति को पहल करनी होगी।

दीदियों द्वारा निर्मित उत्पादों को उपलब्ध करा रहे बाजार 

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ग्रामीण और देसी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। हमारे राज्य में सखी मंडलों से जुड़ कर लाखों दीदियां तरह-तरह के उत्पाद बना रही हैं। इन उत्पादों में किसी भी प्रकार के केमिकल का इस्तेमाल नहीं होता है। ये स्वदेशी उत्पाद हैं। सरकार इन दीदियों के उत्पादों को पलाश ब्रांड के माध्यम से बाजार उपलब्ध करा रही है, ताकि उनकी आजीविका के साधनों को और मजबूत कर सकें । इसके लिए लोगों को भी इनके द्वारा निर्मित उत्पादों से जुड़ना होगा। 

रोटी, कपड़ा और मकान की हर किसी को जरूरत 

मुख्यमंत्री ने कहा कि रोटी, कपड़ा और मकान की जरूरत हमारे पूर्वजों को भी थी। हमें भी है और आनेवाली पीढ़ी को भी रहेगी। इसके बिना हमारी जिन्दगी आगे नहीं बढ़ सकती है। ऐसे में हर व्यक्ति तक इसे सुनिश्चित करने के लिए सरकार काम कर रही है। इस अवसर पर ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, सांसद संजय सेठ, राज्यसभा सांसद महुआ माजी, विधायक सी पी सिंह, मुख्यमंत्री की प्रधान सचिव वंदना दादेल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे, उद्योग विभाग के सचिव जितेन्द्र कुमार सिंह और ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री चन्द्रशेखर समेत कई पदाधिकारी मौजूद थे।

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