Muzaffarpur news : बिहार के मुजफ्फरपुर में नेटवर्किंग कंपनी में नौकरी का झांसा देकर यौन शोषण के मामले का भंडाफोड़ हुआ है। बताया जाता है कि अब इस मामले में कोर्ट के आदेश पर केस दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है। युवक इंटरनेट मीडिया के माध्यम से लड़कियों से जुड़ते थे और और धीरे-धीरे दोस्ती को आगे बढ़कर नौकरी का लालच देते थे और यौन शोषण करते थे। किशोरियों व युवतियों के साथ मारपीट कर यौन शोषण के मामले में पुलिस ने इसकी जांच शुरू कर दी है। थानाध्यक्ष रोहन कुमार ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर मामला दर्ज कर इसकी जांच की जा रही है। प्राथमिकी में सुपौल के मो. इरफान, गोपालगंज के हरेराम राम, यूपी नोएडा के मनीष सिन्हा, मोतिहारी के एनामुल अंसारी समेत नौ लोगों को आरोपित किया गया है। इन सभी के मोबाइल का डिटेल निकाला जा रहा है। साक्ष्य संकलन कर गिरफ्तारी की कवायद की जाएगी।
मारपीट के साथ यौन शोषण
मामला दर्ज करने के बाद पुलिस ने पीड़िता का बयान लिया। इसमें पता चला कि इंटरनेट मीडिया के माध्यम से युवतियों से आरोपी संपर्क करता था। इसके बाद लड़कियों को बड़े-बड़े सपने दिखाकर जाल में फंसाता था। उसके साथ मारपीट और यौन शोषण किया जाता था। इस दौरान युवतियों की तस्वीर ले ली जाती थी। तस्वीर में छेड़छाड़ कर उसे इंटरनेट मीडिया पर डालने की बात बताकर ब्लैकमेल भी किया जाता था।
सिवान निवासी पीड़िता ने सुनाई कहानी
मामले में एक पीड़िता की शिकायत के बाद अन्य युवतियां भी पुलिस से संपर्क किया है। इसमें सिवान की रहने वाली दूसरी पीड़िता ने पुलिस को आपबीती सुनाई। उसने बताया,
करीब साल भर से वह प्रताड़ना सह रही है। गोपालगंज के रहने वाले हरेराम ने फेसबुक से उसके साथ दोस्ती शुरू की थी। एक माह तक बातचीत होने के बाद हरेराम बखरी स्थित डीबीआर कंपनी के बारे में बताते रहता था। उसने कंपनी में 25 हजार रुपये की नौकरी देने की बात कही। वह अपनी मौसी से 20 हजार रुपये लेकर यहां आई। काम के बदले उसके साथ यौन शोषण किया जाने लगा। उसका मोबाइल भी छीन लिया जाता था। परिवार के लोगों से स्पीकर आन कर मात्र दो मिनट बात करवाते थे। इसके अलावा लड़कियों को दूसरे को काल कर जोड़ने के लिए कहा जाता था। नए लोगों को नहीं जोड़ने पर उसके साथ मारपीट किया जाता था। युवती ने बताया कि एक दिन कंपनी के छह लोग हाजीपुर स्थित कार्यालय के एक कमरे में बंद कर बेल्ट से पिटाई भी की। जबरन शारीरिक संबंध भी बनाए। इसके बाद उक्त लड़कियों को उसके तस्वीर भेजकर ब्लैकमेल किया जाता था। कई दिनों तक खाना नहीं दिया जाता था।