Bihar News, Patna, Satuani, Bhojpuri Star Khesari lal : बिहार में सत्तू का महत्व क्या होता है, यह सब लोग जानते हैं। बिहार की लिट्टी का मतलब भी बिहार के सत्तू के बिना संभव नहीं है और जब सतुआन का पर्व हो तो उसमें सतुआ की महिमा का बखान न करना कैसे संभव है। हमारी भोजपुरी फिल्मों के सुपर स्टार खेसारी लाल यादव ने आज सरकार से बड़ी अच्छी मांग की है। कहां है कि सरकार सतुआ यानी सत्तू को ढंग से प्रमोट करे तो सत्तू ग्लोबल डिश हो सकता है। दरअसल, आज बिहार, झारखंड समेत कई राज्यों में सतुआन पर्व भी मनाया जा रहा है।
खेसारी ने किया है यह ट्वीट
सतुआन में लोग सत्तू जरूर खाते हैं और दूसरों को खिलाते भी हैं। इस मौके पर खेसारी लाल यादव सरकार से सत्तू को प्रमोट करने की मांग की है। खेसारी लाल यादव ने ट्वीट कर कहा, ‘सतुआ ग्लोबल डिश हो सकेला, सरकार ढंग से प्रमोट करे तो. सतुआन के शुभकामना. खूब खाई और दूसरा के खिलाई.’
सतुआन से एक दिन पहले यहां ‘टटका बासी’ उत्सव
पुराणों के मुताबिक, सूर्य मीन राशि से मेष राशि में प्रवेश करता है, उस दिन को विशेष रूप से मेष संक्रांति के रूप में मनाया जाता है। वहीं, उत्तर भारत में इसे सत्तू संक्रांति या सतुआ संक्रांति या सतुआन त्योहार के रूप में जाना जाता है। इस बार सतुआन त्योहार 14 अप्रेल 2023 यानी आज है। सतुआन के अवसर पर लोग सत्तू को उनके अपने-अपने ईष्ट देवता को चढ़ाते हैं और फिर उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं। सतुआन त्योहार मुख्य रूप से बिहार, यूपी, झारखंड और एमपी में मनाया जाता है। बिहार के मिथिलांचल वाले हिस्से में सतुआन को जुड़शीतल पर्व के नाम से भी जाना जाता है और मिथिला में इसे नए साल की शुरुआत माना जाता है। बिहार के अंग क्षेत्र यानी भागलपुर में सतुआन से एक दिन पहले ‘टटका बासी’ का उत्सव मनाया जाता है।