तेलंगाना के CM के चंद्रशेखर राव 4 March को झारखंड की राजधानी रांची पहुंचे। झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने तहे दिल से उनका स्वागत किया। महत्वपूर्ण यह है की राजनीतिक नजरिये से उनकी मुलाकात हुई, मगर बात क्या हुई, बस इसका आकलन ही किया जा रहा है। बेशक जब 2 राज्यों के मुख्यमंत्री मिलेंगे तो सियासी बात न हो, ऐसा नहीं हो सकता। केसीआर के झारखंड आगमन का मूल उद्देश्य सियासी ही था, भले इस क्रम में उन्होंने गलवान घाटी में झारखंड के शहीदों के परिजनों को सहायता के रूप में 10-10 लाख के चेक सौंपे।
2024 के राजनीतिक हालात पर चर्चा
2024 के राजनीतिक हालात पर चर्चा की बात कही जा रही है, यह स्वाभाविक ही है। केसीआर गैर बीजेपी दलों के प्रमुख नेताओं से मिलकर आगे की राजनीति में महत्वपूर्ण राष्ट्रीय भूमिका निभाना चाहते हैं, यह स्पष्ट है। वे जुझारू नेता हैं और आने वाले समय में नरेंद्र मोदी के खिलाफ वातावरण बनाने में अपने को आगे रखना चाहते हैं, यह भी क्लियर है। इस मायने में झारखंड के मुख्यमंत्री का अपना स्टैंड क्या हो सकता है, यह भी स्पष्ट है। कयास लगाने का कोई मतलब नहीं है। राज्य के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर भी उनका जुड़ाव कांग्रेस से पक्का है, इसमें किसी शक की गुंजाइश नहीं है। बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं की मुलाकात के दौरान तेलंगाना और झारखंड के बीच भावनात्मक रिश्ता बनाने की भी चर्चा हुई।
शिबू से भी मिले केसीआर और उनके मंत्री
रांची पहुंचे तेलंगाना सीएम KCR के साथ मंत्री वी श्रीनिवास गौड़ और एमएलसी कविता राव का सीएम हेमंत सोरेन ने स्वागत किया। इस दौरान झामुमो सुप्रीमो शिबू साेरेन से भी तेलंगाना सीएम व अन्य ने मुलाकात की। इस दौरान तेलंगाना सीएम केसीआर और झारखंड सीएम हेमंत सोरेन ने गलवान घाटी में झारखंड के शहीद जवानों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये का चेक दिया।