• ‘रोहिंगिया मुसलमानों की घुसपैठ से बदल रही है प्रदेश की डेमोग्राफी‘
Ranchi News: साधु संत समाज के महामंत्री स्वामी दिव्यानंद जी महाराज ने राज्य सरकार को प्रदेश की वर्तमान स्थितियों का हवाला देते हुए कुछ सुझाव दिये हैं। इस क्रम में उन्होंने सूबे में उत्पाद सिपाही बहाली के दौरान 12 युवाओं की हुई मौत का विशेष रूप से उल्लेख किया है। स्वामी जी ने कहा है कि किसी के घर का चिराग बुझ गया, चंद पैसों से उसकी जान की कीमत नहीं लगायी जा सकती। घटना कभी भी, कहीं भी घट सकती है, लेकिन किसी अपरिपक्वता के कारण घटे, तो दुख होता है।
‘फिजिकल टेस्ट में शामिल युवाओं को उचित सुविधा मिले’
उन्होंने कहा कि युवाओं का फिजिकल टेस्ट कम होना चाहिए और उनकी दौड़ लगाने से पहले की स्थिति सरकार को एक अभिभावक का भाव रख कर उन्हें उचित सुविधा देनी चाहिए। दौड़ने के पहले किस प्रकार की शारीरिक स्थिति और वातावरण हो, इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए। फिजिकल टेस्ट पुन: होना है। सरकार आश्वस्त करे कि दोबारा ऐसी घटना ना हो। किसी के घर का चिराग न बुझे। परीक्षार्थियों को अच्छे स्वस्थ मन से परीक्षा देने का एक सकारात्मक वातावरण दिया जाये, क्योंकि कल यही हमारे रक्षक होंगे।
अपने सुझाव में स्वामी दिव्यानंद जी महाराज ने कहा है कि युवा पढ़ लिख कर अपनी डिग्री लेकर राज्य को छोड़ दूसरे राज्यों में नौकरी तलाशने के लिए और किसी न किसी प्राइवेट कम्पनी में जाकर नौकरी करने को विवश हो रहे हैं। माता-पिता के समक्ष भी अपनी संतान को छोड़ना उनकी विवशता हो गयी है। सरकार को ध्यान देना चाहिए कि युवाओं को हम नौकरी कैसे दें। साथ ही, कॉरपोरेट कम्पनियों को झारखंड में बुला कर अपने प्रदेश में युवाओं को अवसर देने की कोशिश करनी चाहिए।
उन्होंने कहा है कि रोहिंगिया मुसलमान की घुसपैठ के कारण प्रदेश की डेमोग्राफी बदलती जा रही है। झारखंड की युवतियों के साथ प्रेम सम्बन्ध बना कर एक षड्यंत्र के तहत उनसे शादी की जा रही है और उनकी सम्पत्ति को हड़प कर उनका धर्म परिवर्तन भी करा दिया जा रहा है। रोहिंग्या मुसलमान हमारे देश के मुस्लिम भाइयों के हक भी छीन रहे हैं।
स्वामी दिव्यानंद जी महाराज ने यह भी कहा कि लगातार राज्य में आपराधिक गतिविधियों के कारण माहौल भयावह हो गया है। रांची में सुशासन की व्यवस्था हो, नागरिक भय मुक्त होकर अपना व्यवसाय करें। महिलाएं घर से निकलें, बेटियां सुरक्षित रहें और युवाओं का भविष्य सुरक्षित रहे ; इन भावों को ध्यान में रख कर सरकार को अपने गुड गवर्नेंस की मिसाल पेश करनी चाहिए। स्वामी जी ने कहा है, ‘मैं आशा करता हूं, झारखंड सरकार जनता के हित में और प्रदेश की उन्नति का मन में भाव रखते हुए कार्य करेगी।’