Ranchi news: झारखंड उच्च न्यायालय में मौजूदा प्रभावी 1993 प्रोन्नति नियमावली के अंतर्गत ग्रेड 7 प्रोन्नति देने और सीधी नियुक्ति से नियुक्त ग्रेड 4 शिक्षकों को ग्रेड 7 प्रोन्नति सूची से बाहर करने के विरुद्ध माननीय उच्च न्यायालय में विशाल प्रताप देव विरुद्ध झारखंड सरकार से संबद्ध रीट याचिका पर माननीय न्यायाधीश राजेश कुमार के कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। अदालत ने विभिन्न जिलों द्वारा त्रुटिपूर्ण एवं भेदभाव पूर्ण तरीके से अपनाए जा रहे ग्रेड 7 प्रोन्नति प्रक्रिया पर रोक लगा दिया। इस मामले में अदालत में उपायुक्त सह अध्यक्ष जिला शिक्षा स्थापना समिति को निर्देश दिया कि जब तक न्यायालय द्वारा अंतिम निर्णय नहीं दिया जाए तबतक ग्रेड 7 प्रोन्नति नहीं दी जाएगी।
अर्हताधारी शिक्षक को प्रोन्नति से वंचित न रखा जाए
न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता राजेंद्र कृष्णा और अधिवक्ता सौरभ शेखर ने याचिकाकर्ताओं की ओर से पक्ष रखते हुए बहस किया। इस पर झारखंड प्रगतिशील शिक्षक संघ की ओर से अपनी बात रखते हुए जिला अध्यक्ष आनंद किशोर साहू और प्रदेश महासचिव बलजीत कुमार सिंह ने कहा कि इससे पहले भी विभिन्न जिलों के शिक्षकों द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने विभिन्न प्रकार का अंतरिम आदेश दिया है। मौजूदा 1993 प्रोन्नति नियमावली के अंतर्गत वर्णित नियमों के अधिन ही प्रोन्नति देने संबंधी टिप्पणी के साथ-साथ केवल मार्गदर्शन पत्र और सुझावों के आधार पर किसी भी अहर्ताधारी शिक्षक को प्रोन्नति से वंचित नहीं रखने संबंधी सुझाव दिया है।