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Winter session : स्पीकर ने पढ़ा राज्यपाल का संदेश, सदन में स्थानीय नीति विधेयक पर राज्यपाल की टिप्पणी पढ़ी, कार्यवाही 18 तक स्थगित

Winter session : स्पीकर ने पढ़ा राज्यपाल का संदेश, सदन में स्थानीय नीति विधेयक पर राज्यपाल की टिप्पणी पढ़ी, कार्यवाही 18 तक स्थगित

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Jharkhand top news, Jharkhand latest Hindi news, Ranchi top news, Ranchi  latest Hindi news, Ranchi Top new : झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन शुक्रवार को पूर्वाह्न 11:07 बजे विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई। स्पीकर रवीन्द्रनाथ महतो ने प्रारम्भिक वक्तव्य दिया। विधानसभा की कार्य संचालन नियमावली के तहत सभापति, कार्य मंत्रणा समिति और विशेष आमंत्रित सदस्यों के नामों की घोषणा की। इसके उपरान्त राजभवन के लौटाये गये 1932 का खतियान आधारित स्थानीय नीति विधेयक के साथ आयी राज्यपाल की टिप्पणी को भी उन्होंने हू-ब-हू सदन के अंदर पढ़ा, जिसमें राज्यपाल ने इस विधेयक में सिर्फ फोर्थ ग्रेड की नौकरियों को आरक्षित करने का सुझाव दिया है। इसके बाद सदन में शोक प्रकाश लाया गया। स्पीकर रवीन्द्रनाथ महतो, मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन, नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी, संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम समेत अन्य दलों के विधायक दल के नेता ने शोक प्रस्ताव पढ़ा। शोक प्रकाश के बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

स्पीकर ने कहा- राज्यपाल ने 1932 विधेयक के कुछ बिन्दुओं पर विधानसभा को पुनर्विचार करने को कहा 

1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति विधेयक के साथ भेजे गये राज्यपाल की टिप्पणी को पढ़ते हुए स्पीकर ने बताया कि राज्यपाल ने 1932 विधेयक के कुछ बिन्दुओं पर विधानसभा को पुनर्विचार करने के लिए कहा है। राजभवन ने अपना सुझाव विधेयक में शामिल कानूनी प्रावधानों पर अटॉर्नी जनरल से मंतव्य लेने के बाद दिया है। राज्यपाल ने कहा कि अटॉर्नी जनरल ने विधेयक की धारा 6 (ए) संविधान के अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 162 का उल्लंघन कर सकती है। इस कारण यह अमान्य हो सकती है। अटॉर्नी जनरल की राय में राज्य सरकार की तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की नौकरियां सिर्फ स्थानीय व्यक्तियों के लिए आरक्षित करने के बजाय केवल चतुर्थ श्रेणी में ऐसा करने पर विचार किया जा सकता है।

11 नवम्बर 2022 को हेमन्त सरकार ने 1932 का खतियान आधारित स्थानीय नीति पारित किया था

11 नवम्बर 2022 को हेमन्त सरकार ने विशेष सत्र बुलाकर 1932 का खतियान आधारित स्थानीय नीति पारित किया था। इसे (झारखंड स्थानीय व्यक्तियों की परिभाषा और परिणामी सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य लाभों को ऐसे स्थानीय व्यक्तियों तक विस्तारित करने के लिए विधेयक- 2022) नाम से पारित किया गया था। विधानसभा से पारित होने के बाद विधेयक को राजभवन भेजा गया था, लेकिन जनवरी 2023 में तत्कालीन राज्यपाल रमेश बैस ने इस विधेयक को विधि राय लेने की सलाह देकर लौटा दिया था। फिर 27 जुलाई को राज्य सरकार ने राजभवन को पत्र लिख कर विधेयक को लौटाये जाने के साथ राज्यपाल का संदेश भी मांगा था।

धीरज मामले में आयकर विभाग ने अभी तक कुछ भी स्पष्ट नहीं किया है : मिथिलेश ठाकुर

धीरज साहू मामले में मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा

आयकर विभाग ने अब तक कुछ स्पष्ट नहीं कहा

झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन शुक्रवार को धीरज साहू प्रकरण को लेकर सदन के बाहर भाजपा के विरोध प्रदर्शन पर मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि इनकम टैक्स विभाग ने अब तक मामले में कुछ भी स्पष्ट नहीं कहा है, जबकि भाजपा धीरज साहू की गिरफ्तारी की मांग कर रही है।

ठाकुर ने कहा कि इनकम टैक्स, ईडी, सीबीआई जैसी केन्द्रीय एजेंसियां तो केन्द्र की भाजपा सरकार के नियंत्रण में है। ऐसा लग रहा है कि अब तो भाजपा को इन एजेंसियों पर भी भरोसा नहीं है। इसका एक ही रास्ता है। भाजपा दिल्ली से लेकर रांची तक इन केन्द्रीय एजेंसियों के डायरेक्टर और अधिकारियों के पद पर अपने नेताओं को नियुक्त कर दे।

कांग्रेस विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने वन संरक्षण कानून का मामला को लेकर सत्र के पहले दिन एक अखबार की पेपर कटिंग लेकर सदन पहुंचीं। उन्होंने कहा कि कोई भी वन संरक्षण के मुद्दों पर बात नहीं कर रहा है। झारखंड में जल जंगल जमीन वाली मुद्दों पर बात नहीं हो रही है। उन्होंने इस मुद्दे को सदन के अंदर उठाने की बात कही है।

उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार वन संरक्षण कानून में बदलाव ला रही है। इसको लेकर वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक 2023 लाया गया है, जो लोकसभा और राज्यसभा से पारित हो गया है। वहीं, सरकार चाहती है कि देश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) भी लागू हो। इस पर भी गहराई से विचार-विमर्श जारी है।

झारखंड विस के बाहर धीरज साहू कैश कांड को लेकर भाजपा का धरना

झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन शुक्रवार शुक्रवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य धीरज साहू से सम्बन्धित कम्पनी के ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी का मामला गूंजा। धीरज साहू के ठिकानों से 500 करोड़ की बरामदगी को लेकर विपक्ष (भाजपा) ने सदन के बाहर जमकर हंगामा किया।

भाजपा विधायक पत्थर चोरी, कोयला चोरी, बालू चोरी या ट्रांसफर पोस्टिंग का भी मामला उठा रहे थे। इस दौरान भाजपा के विधायक लगातार सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे। हंगामे के दौरान अनंत ओझा, बिरंची नारायण, नीरा यादव, राज सिन्हा, जयप्रकाश भाई पटेल, समरी लाल और ढुल्लू महतो मौजूद रहे। आजसू विधायक लम्बोदर महतो भी सदन के बाहर धरने पर बैठ गये और बेरमो को जिला बनाने की मांग करने लगे।

भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने कहा कि पार्टी सदन के अंदर धीरज साहू से लेकर युवाओं के मुद्दे को जरूर उठायेगी। इरफान अंसारी ने कहा कि धीरज साहू के साथ पूरी कांग्रेस पार्टी खड़ी है। वह गरीबों के मसीहा हैं। आजादी से पहले ही उनका व्यवसाय करोड़ों में था। भाजपा बेवजह हंगामा करने का काम करती है।

दीपिका पांडे सिंह ने कहा कि बीस हजार करोड़ रुपये से बने संसद भवन की सुरक्षा केन्द्र सरकार नहीं कर पा रही है। यह एक बड़ा मुद्दा है, लेकिन इसे छोड़ भाजपा बेवजह हंगामा कर रही है। कांग्रेस विधायक अनूप सिंह ने धीरज साहू प्रकरण को लेकर कहा कि वर्षों से उनका व्यवसाय चलता आ रहा है। उनका कारोबार करोड़ों में है। भाजपा का आरोप कितना उचित है, यह जनता जानती है।

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