धनबाद शहर के रणधीर वर्मा स्टेडियम पार्क यानी गोल्फ ग्राउंड पार्क में प्रवेश शुल्क लगाए जाने के साथ ही सैर सपाटा करने वाले शौकीनों की संख्या बहुत कम हो गई है। पार्क में कार्यरत कर्मचारियों ने बताया कि पहले 700 से 800 लोग प्रतिदिन यहां आते थे। रविवार को तो एक हजार से अधिक लोगों की भीड़ जुटती थी। लेकिन अब यहां 400 से 500 के बीच ही लोग आ रहे हैं।रविवार को यह संख्या 700 तक हो जाती है. सैर सपाटा करनेवालों की संख्या घटने से पार्क के बाहर ठेला-खोमचा लगाने वाले और आसपास के दुकानदार भी उदास हैं। दुकानदारों का कहना है कि आमदनी आधी हो गई है।
15 रुपये के टिकट के कारण छुट्टे का टोटा
बताते चलें कि नगर निगम ने 11 मई से प्रवेश शुल्क लागू कर दिया है। प्रति व्यक्ति 15 रुपये, जबकि पांच साल तक के बच्चे का प्रवेश निःशुल्क है। 15 रुपये लेने के लिए 5 रुपये का छुट्टा लेने और देने वालों को परेशान कर रहा है। शुल्क चुकानेवाले तो फिर भी 20 का नोट देकर निश्चिंत हो जाते हैं। लेकिन काउंटर पर बैठे कर्मियों की फजीहत शुरू हो जाती है। पार्क में आये लोगों का कहना था कि टिकट की कीमत 10 रुपये ही होनी चाहिए। काउंटर पर कहा जाता है कि छुट्टे पैसे लेकर आइये, तब टिकट मिलेगा। इस चक्कर में कई बार 5 रुपया छोड़ देना पड़ता है। निगम का कोई भी फैसला सही नहीं होता है।
मात्र 98 लोगों ने बनवाया मंथली पास
धनबाद निगम ने 11 मई को मंथंंली पास का रेट प्रति व्यक्ति 300 रुपये तय किया था। परंतु लगातार विरोध के बाद 16 मई को रेट घटाकर 200 रुपये कर दिया। हालांकि विरोध जारी रहा. अंततः 18 मई को पास का रेट 100 रुपये कर दिया गया। बावजूद पहले दिन सिर्फ 22 लोगों ने पास बनवाया। दूसरे दिन यानी 19 मई को 76 लोग शाम बजे तक पास बनवाने पहुंचे थे।
तीन होम गार्ड के सहारे पार्क की सुरक्ष
नगर निगम ने पार्क में 32 सीसीटीवी कैमरे लगा रखे हैं, जो सिर्फ दिखावा साबित हो रहा है। कैमरा लगे होने के बाद भी पार्क में जाली से लड़के फांद कर पार्क में प्रवेश कर रहे हैं. चोर-उचक्के भी पार्क में पानी के लिये बिछाई गई पाइप उखाड़ कर ले जा रहे हैं। निगम ने खुद वीडियो भी जारी किया था। पार्क की सुरक्षा के लिये तीन होमगार्ड भी रखे गए हैं, जो अक्सर पार्क से नदारद ही रहते हैं। गुरुवार को सिर्फ एक गार्ड पार्क में मिला।
माली को तीन महीने से वेतन नहीं
पार्क में फूल-पौधों की देख रेख के लिए तीन माली और तीन सफाई कर्मी भी हैं। इसके अलावा बॉब कट मशीन से भी पार्क की साफ सफाई की जा रही है. कर्मी अपने अपने काम में मुस्तैद भी नजर आये। उनका कहना था कि वे सभी निगम के स्थायी कर्मी हैं. बावजूद तीन माह से वेतन नहीं मिला है. नियमित वेतन नहीं मिलने से घर चलाना मुश्किल हो गया है. साहब से बोलने पर कहते हैं कि आमदनी बढ़ने दो, वेतन भी मिल जाएगा। तब तक काम चलाओ.