New Delhi: कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिख कर जल्द से जल्द लोकसभा उपाध्यक्ष के चयन कराने की मांग की है। उन्होंने लिखा कि यह पद लगातार दो लोकसभा कार्यकाल से रिक्त पड़ा है, जो संसदीय परंपराओं और लोकतांत्रिक व्यवस्था के विपरीत है।
खड़गे ने पत्र में उल्लेख किया कि 17वीं और अब 18वीं लोकसभा में उपाध्यक्ष का पद नहीं भरा गया, जबकि इससे पहले सभी लोकसभा में यह पद हमेशा बना रहा। उन्होंने बताया कि उपाध्यक्ष का पद परम्परागत रूप से विपक्ष के सबसे बड़े दल को दिया जाता रहा है।
खड़गे ने कहा, ‘पहली से सोलहवीं लोकसभा तक, हर सदन में एक उपाध्यक्ष होता रहा है। मोटे तौर पर, मुख्य विपक्षी दल के सदस्यों में से उपाध्यक्ष की नियुक्ति एक सुस्थापित परम्परा रही है। हालांकि, स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार, यह पद लगातार दो लोकसभा कार्यकालों के लिए रिक्त रहा है। सत्रहवीं लोकसभा के दौरान कोई उपाध्यक्ष नहीं चुना गया था और यह चिन्ताजनक मिसाल मौजूदा अठारहवीं लोकसभा में भी जारी है।’ उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 93 का हवाला देते हुए कहा कि लोकसभा को एक अध्यक्ष और एक उपाध्यक्ष चुनना होता है। यह प्रक्रिया आमतौर पर दूसरे या तीसरे सत्र में पूरी कर ली जाती है। खड़गे ने कहा कि उपाध्यक्ष संसद के भीतर अध्यक्ष के बाद दूसरा सबसे महत्त्वपूर्ण पद होता है और उसकी उपस्थिति आवश्यक है।
खड़गे ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि इस महत्त्त्वपूर्ण पद को जल्द भरा जाये, ताकि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सशक्त किया जा सके और सदन की गरिमा बनी रहे।
खड़गे ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र, लोकसभा उपाध्यक्ष के चयन की मांग

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