– 

Bengali
 – 
bn

English
 – 
en

Gujarati
 – 
gu

Hindi
 – 
hi

Kannada
 – 
kn

Malayalam
 – 
ml

Marathi
 – 
mr

Punjabi
 – 
pa

Tamil
 – 
ta

Telugu
 – 
te

Urdu
 – 
ur

होम

वीडियो

वेब स्टोरी

MAHARASHTRA : BJP लीडर नारायण राणे के आलीशान बंगले पर चल सकता है बुलडोजर, कोस्टल नियमों का उल्लंघन कर…

IMG 20220221 WA0041

Share this:

Maharashtra में नारायण राणे का सियासी कद हमेशा से बड़ा रहा है। वह पहले शिवसेना के बड़े नेता थे। उसके बाद कांग्रेस में आए। वहां सियासी मकसद परवान न चढ़ा तो भाजपा के हो गए। अब वह भाजपा के राज्यसभा सदस्य हैं और केंद्र में कैबिनेट स्तर के मंत्री। वर्तमान समय में शिवसेना और नारायण राणे के बीच सियासी लड़ाई जारी है। इसी क्रम में यह स्थिति उभर कर सामने आ रही है कि हो सकता है नारायण राणे का आलीशान बंगला तोड़ा जा सकता है। उस पर बुलडोजर चल सकता है। इसके मद्देनजर 19 फरवरी को नोटिस भेजने के बाद 21 फरवरी को मुंबई म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (BMC) की एक टीम नारायण राणे के घर इंस्पेक्शन और मेजरमेंट के लिए पहुंची। जानकारी के मुताबिक, एक दर्जन अधिकारी और कर्मचारी नारायण राणे के घर पहुंचे। घर के बाहर भारी संख्या में पुलिस फोर्स भी तैनात रही। राणे पर कोस्टल नियमों का उल्लंघन कर जुहू में बंगले का निर्माण करने का आरोप है।

जारी होगा एक और नोटिस

BMC के अधिकारियों ने कहा कि बंगले के निरीक्षण के बाद अगर हमें अनधिकृत निर्माण का पता चलता है तो बंगले की वैधता साबित करने के लिए उन्हें एक निश्चित समय अवधि देते हुए एक और नोटिस जारी किया जाएगा। अगर वे कानूनी दस्तावेज उपलब्ध कराने में विफल रहते हैं तो इसे तोड़ने की कार्रवाई की जाएगी।”

इमारत का 1 इंच भी अवैध नहीं

बता दें कि राणे ने बीएमसी के नोटिस पर पिछले दिनों सफाई देते हुए कहा था कि, साल 1991 के विकास नियंत्रण विनियमों के अनुसार, 17 सितंबर 2009 को मेरे इस घर को एक प्रसिद्ध आर्किटेक्ट द्वारा पूरा किया गया था। एक इंच भी इमारत का अवैध नहीं है। वैसे इंस्पेक्शन 18 फरवरी को होने वाला था। लेकिन उस दिनों इंस्पेक्शन नहीं हो पाया था जिसके बाद इसे 21 फरवरी तक बढ़ा दिया गया था।

समुद्र के 50 मीटर के दायरे में है बंगला

बीएमसी की कार्रवाई सूचना के अधिकार (आरटीआई) कार्यकर्ता संतोष दौंडकर की शिकायत के बाद की जा रही है। एक्टिविस्ट ने आरोप लगाया है कि बीएमसी ने बंगले के अवैध निर्माण के संबंध में उनकी पिछली शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की है। दौंडकर ने कहा कि कोस्टल कानूनों (सीआरजेड) का उल्लंघन कर इस बंगले का निर्माण करवाया गया है। बंगला समुद्र के 50 मीटर के दायरे में बनाया गया है,जो सीआरजेड नियमों का सबसे बड़ा उल्लंघन है।

Share this:




Related Updates


Latest Updates