Ranchi news: झारखंड प्रगतिशील शिक्षक संघ का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश अध्यक्ष आनंद किशोर साहू और महासचिव बलजीत कुमार सिंह के नेतृत्व में प्राथमिक शिक्षा निदेशक से मिला एवं शिक्षा सचिव को ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य रूप से विभिन्न जिलों में चल रहे विसंगतिपूर्ण प्रोन्नति प्रक्रिया और अंतर जिला स्थानांतरण के मुद्दे पर बातचीत किया। संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि विभिन्न जिलों में प्रधानाध्यापक के पदों पर प्रोन्नति प्रक्रिया चल रही है। परंतु सारी अहर्ता रहने के बावजूद भी मध्य विद्यालयों में सीधी नियुक्ति से नियुक्त एवं 8 वर्ष से भी अधिक समय से इस पद पर कार्यरत स्नातक प्रशिक्षित (ग्रेड 4) शिक्षकों को वरीयता सूची में स्थान नहीं दिया गया है। जबकि केवल प्रोन्नति से आए ग्रेड 4 शिक्षकों को ही इसमें स्थान दिया गया है। वास्तविकता यह है कि ग्रेड 4 के 50% पदों पर नियुक्ति पहले सीधी नियुक्ति से हुई थी और बाद में शेष 50% पदों को अलग अलग जिलों में अलग-अलग समय पर भरा गया। यह केवल नई प्रोन्नति नियमावली बनने और उसमे सीधी नियुक्ति से नियुक्त शिक्षकों के लिए आवश्यक कालावधि बढ़ाने के प्रत्याशा में ही वरीयता सूची से हटाया गया है।
नियमावली के आलोक में ही प्रोन्नति दी जाए
इस पर माननीय उच्च न्यायालय में भी रीट याचिकाएं दाखिल हैं और एक रीट याचिका की सुनवाई में माननीय न्यायालय द्वारा अंतरिम आदेश में इस चीज की ओर विभाग का ध्यान आकृष्ट किया गया है कि वर्तमान प्रभावी नियमावली के आलोक में ही प्रोन्नति दी जाए। प्रदेश महासचिव बलजीत सिंह ने बताया कि प्रारंभिक शिक्षकों का अंतर जिला स्थानांतरण का विषय निदेशालय स्तर से अनिर्णीत पडा है, जबकि माध्यमिक शिक्षकों का काफी पहले हो गया। संघ के द्वारा मांग की गई है कि पोर्टल के माध्यम से जितने भी शिक्षकों ने आवेदन दिया था और जिला स्थापना से स्वीकृत होकर निदेशालय में गया है उन सभी का स्थानांतरण इसी माह किया जाए तथा उसके पश्चात सभी इच्छुक प्रारंभिक शिक्षकों को एकबारीय अवसर प्रदान करते हुए अंतर जिला स्थानांतरण हेतु आवेदन मंगाया जाए। यह स्थानांतरण का अवसर नई नियुक्ति से पहले करने पर विचार हो। प्रतिनिधिमंडल में वरीय उपाध्यक्ष मोहम्मद कयामुद्दीन, सुमित कुमार, नंनद कौशिक गांगुली जीवरा उरांव आदि शामिल थे।