Indian Newspaper Society (INS) की शिकायत पर भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने गूगल के खिलाफ जांच का ऑर्डर दिया है। आरोप है कि गूगल कंपनी एकाधिकार का दुरुपयोग करते हुए प्रकाशकों को उनके कंटेंट के इस्तेमाल के बदले उचित भुगतान नहीं कर रही है। आईएनएस की इस शिकायत की जांच सीसीआई के महानिदेशक की निगरानी में होगी।
उठाया जा रहा गलत फायदा
गौरतलब है कि आईएनएस ने अपनी शिकायत में कहा था कि गूगल की पैरंट कंपनी अल्फाबेट इंक, गूगल एलएलसी, गूगल इंडिया सहित अन्य संबंधित इकाइयां इंडिया के ऑनलाइन न्यूज़ मीडिया बाजार में न्यूज़ रेफरल सर्विस और गूगल एड टेक सर्विसेज में अपने दबदबे की स्थिति का गलत फायदा उठा रही है। डिजिटल माध्यम में गूगल के जरिये उपलब्ध कराई जा रही खबरों के लिए प्रोड्यूसर या प्रकाशन संस्थान को उनके कंटेंट के इस्तेमाल के बदले उचित मूल्य नहीं दिया जा रहा है, जबकि देश के प्रकाशन संस्थान अपने पाठकों को स्तरीय कंटेंट देने के लिए भारी निवेश कर रहे हैं।
कई देशों ने बनाए हैं कड़े कानून
दूसरी ओर ऑस्ट्रेलिया स्पेन और फ्रांस समेत कई देशों ने ऐसे कानून बना दिए हैं, जिसके तहत गूगल समेत टेक्नोलॉजी कंपनियों को सर्च के जरिये मिलने वाले कंटेंट के लिए प्रकाश को को उचित भुगतान करना ही होगा। यूरोपियन पब्लिशर्स काउंसिल ने भी गूगल के खिलाफ शिकायत की है। आईएनएस के मुताबिक गूगल विज्ञापन राजस्व और हिस्सा साझा करने के संबंध में मीडिया संस्थानों को अंधेरे में रखता है।
दलीलों का परीक्षण, फिर जांच का आदेश
CCI ने INS की दलीलों के परीक्षण के बाद उन्हें प्रतिस्पर्धा कानून 2002 के दायरे में पाया और माना कि इनकी जांच की जरूरत है। आयोग ने आईएनएस की शिकायत को डिजिटल न्यूज़ पब्लिशर की भी इसी प्रकार की शिकायत के साथ जोड़ने के आदेश दिए हैं। आईएनएस अपने सदस्यों और अन्य समाचार प्रकाशकों को उनके कंटेंट के लिए गूगल से उचित योगदान और पारदर्शिता के लिए काम कर रहा है।