ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने 18 मई को कहा कि इस सप्ताह ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर पाया गया ‘शिवलिंग’ वास्तव में एक ‘फव्वारा’ है। घोषणा की कि अगर इसे जांच के बाद शिवलिंग माना लिया जाता है, तो ‘ताजमहल के सभी फव्वारे बंद होने चाहिए।
बीजेपी पर करारा हमला
ओवैसी ने सत्तारूढ़ बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि वो देश को 1990 के दशक में वापस ले जाना चाहती है, जब दंगे हुए थे। समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए, ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट के बारे में अपनी टिप्पणी को भी रेखांकित किया, जिसमें कहा गया था कि ‘मुसलमानों को धर्म पालन की अनुमति है’ जिसका मतलब है कि वे मस्जिद में नमाज अदा करने से पहले वुजू कर सकते हैं। बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर छिड़े विवाद पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अहम फैसला दिया। अदालत ने कहा कि जिस स्थान पर ‘शिवलिंग’ मिला है, उसे सील कर दिया जाए और पूरी सुरक्षा दी जाए। शीर्ष अदालत ने जिला प्रशासन को आदेश देते हुए कहा कि शिवलिंग वाले स्थान को पूरी सुरक्षा दी जाए, लेकिन इसके चलते नमाज में बाधा नहीं आनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट में 19 मई को होगी फिर सुनवाई
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए गुरुवार की तारीख तय कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, ‘अगली सुनवाई तक के लिए हम वाराणसी के डीएम को आदेश देते हैं कि शिवलिंग मिलने वाले स्थान की सुरक्षा की जाए, लेकिन मुस्लिमों को नमाज पढ़ने में कोई समस्या नहीं आनी चाहिए।’ इसके साथ ही ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि इस केस में निचली कोर्ट में सुनवाई चल रही है, ऐसे में जिला अदालत के फैसले का इंतजार करना चाहिए। इस दौरान यूपी सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यूपी सरकार को कुछ मुद्दों पर उनसे सहायता की जरूरत है।