Home
National
International
Jharkhand/Bihar
Health
Career
Entertainment
Sports Samrat
Business
Special
Bright Side
Lifestyle
Literature
Spirituality

पोलैंड के घर-घर में होती है एक भारतीय महाराज की पूजा, आप भी जानिए…

पोलैंड के घर-घर में होती है एक भारतीय महाराज की पूजा, आप भी जानिए…

Share this:

Breaking news, National top news, national news, national update, national news, New Delhi top news, New Delhi news : पोलैंड और यूक्रेन की यात्रा पर आज सुबह यानी 21 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी निकल चुके हैं। 2 दिन पोलैंड में रहने के बाद वह यूक्रेन पहुंचेंगे। पिछले 45 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली पोलैंड यात्रा है। भारत और पोलैंड के बीच राजनयिक संबंध 1954 में स्थापित हुए, जिसके परिणामस्वरूप 1957 में वारसॉ में भारतीय दूतावास और 1954 में नई दिल्ली में पोलिश दूतावास खोला गया। भारत और पोलैंड संबंधों का इतिहास बेहद ही पुराना और दिलचस्प रहा है। वहां एक भारतीय महाराज की घर घर में पूजा तक की जाती है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, हजारों पोल्स अपना देश छोड़कर भाग गए और दुनिया भर में शरण ली। मदद करने वाले पहले देशों में से एक भारत था, जिसकी शुरुआत तथाकथित ‘अच्छे महाराजा’ जाम साहब से हुई, जिन्होंने कई पोलिश अनाथ बच्चों को अपने पास रखा। 

1000 शरणार्थियों को दी थी शरण 

1940 के दशक में हिटलर का पोलैंड पर आक्रमण हुआ तो वहां सैनिकों ने महिलाओं और बच्चों को एक जहाज में बिठाकर रवाना कर दिया। नवानगर (वर्तमान में गुजरात में जामनगर के नाम से जाना जाता है) के जाम साहब दिग्विजय ने युद्ध से भाग रहे 1,000 से अधिक पोलिश शरणार्थियों, जिनमें ज्यादातर बच्चे थे उन्हें  राज्य में बालाचडी नामक स्थान पर शरण दी थी। पोलैंड में आज के समय में 8 स्कूलों के नाम जाम साहेब के नाम पर है। कई जगहों पर महाराजा का नाम पढ़ने को मिलता है. हर जगह लिखा है- दयावान महाराजा की श्रद्धांजलि में कृतज्ञ पोलैंड राष्ट्र। पोलैंड में भारतीय समुदाय की संख्या लगभग 25,000 है। इसमें लगभग 5,000 छात्र शामिल हैं।

Share this: