Breaking news, National top news, national news, national update, national news, Mumbai top news, Mumbai breaking news : बेशक जीवन अनमोल है, लेकिन परिस्थितियां कभी-कभार मनुष्य को जीने की इच्छा त्यागने को बाध्य कर देती हैं। शुक्रवार को मुंबई हाई कोर्ट को जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल के वकीलों बताया कि उन्होंने जीने की इच्छा खो दी है। अदालत ने कैंसर से पीड़ित गोयल की मेडिकल ग्राउंड पर बेल पेटीशन पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया।
पति-पत्नी दोनों कैंसर पीड़ित
न्यायमूर्ति एनजे जमादार की एकल न्यायाधीश पीठ ने निर्देश दिया कि गोयल को 6 मई तक उस निजी अस्पताल से छुट्टी नहीं दी जाएगी जहां वह भर्ती हैं, जब अदालत अपना आदेश पारित करेगी। गोयल ने यह कहते हुए चिकित्सा और मानवीय आधार पर अंतरिम जमानत मांगी है कि वह और उनकी पत्नी अनीता गोयल दोनों कैंसर से पीड़ित हैं।
जमानत पूरी तरह से मानवीय आधार पर मांगी जा रही
गोयल की ओर से पेश वकील हरीश साल्वे, आबाद पोंडा और अमीत नाइक ने कहा कि जेट एयरवेज के संस्थापक के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप गंभीर हो सकते हैं, लेकिन जमानत पूरी तरह से मानवीय आधार पर मांगी जा रही है। हरीश साल्वे ने दावा किया कि अनीता गोयल का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने उन्हें जीने के लिए केवल कुछ महीने का समय दिया है। वकील ने आगे कहा कि हालांकि घर पर उसके लिए एक नर्स का इंतजाम किया जा सकता है, लेकिन इस समय जिस भावनात्मक समर्थन की जरूरत है वह गायब है। नरेश गोयल के स्वास्थ्य को परेशान करने वाला बताते हुए साल्वे ने कहा कि हमने दुनिया को इतना देख लिया है कि यह पता चल सके कि जिसकी पत्नी मर रही है उसका मानसिक स्वास्थ्य क्या होगा। आदमी जीने की इच्छा खो चुका है। वह कहता है कि वह क्या करेगा उसे जेल में रहना होगा। वह कोई युवा नहीं है।