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… और इस तरह 11वीं कक्षा के छात्र के मन में उठे ‘तूफान’ ने उसे बना दिया साधु…

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…And this is how the ‘storm’ that arose in the mind of an 11th class student made him a saint…, today’s Kolkata news, Kolkata news, West Bengal news : मन की दुनिया में किस वक्त किस तरह का ‘तूफान’ खड़ा होकर क्या रूप लेता है, इसकी कल्पना बाहर से नहीं की जा सकती है। जिसके मन में तूफान उठता है, उस तूफान को वही पकड़ता है और उसके असर के तले अपने जीवन को बदल लेता है। पश्चिम बंगाल के हुगली में 11वीं कक्षा के एक छात्र के मन में उठे तूफान ने उसे साधु बना दिया।

गंगा स्नान करने की बात कह कर निकला घर से

साधु बनने की बात लिखकर लेटर बॉक्स में एक पत्र छोड़ कर उत्तरपाड़ा स्कूल का आदर्श तिवारी नाम का यह छात्र घर से निकल पड़ा। साधु के वेश में हाथ में लाठी का थैला लिए तौलिया पहने CCTV में उसकी तस्वीर कैद हुई है। उत्तरपाड़ा नगर पालिका के वार्ड नंबर 13 के राम सीता घाट रोड रहने वाला आदर्श एक निजी अंग्रेजी माध्यम स्कूल में 11 वीं कक्षा का छात्र है। बुधवार की सुबह वह कहकर निकला था कि गंगा स्नान करने के लिए जा रहा है। इसके बाद वह घर नहीं लौटा, तो खोजबीन शुरू हुई। तब पता चला कि वह साधु के वेश में कही जा रहा है।

आज आदर्श का है जन्मदिन

घर के लेटर बॉक्स में उसने एक पत्र छोड़ा है कि वह अपनी मर्जी से घर छोड़कर आध्यात्मिक मार्ग पर जा रहा हैं। अगले 24 मई को उनका जन्मदिन है और उसी दिन पहली दीक्षा लेगा। वह मोबाइल, बटुआ घर पर ही छोड़ गया है। पत्र में है कि वह पहले नवद्वीप और बाद में वृंदावन जाएगा। आदर्श के दादा प्रेमनाथ तिवारी ने कहा, वह एक बार अपने पोते को अपने साथ मथुरा-वृंदावन, अयोध्या गए थे। वहां वह प्रेमानंद नाम के एक संत के आश्रम में गया और वहां से उन्होंने किताबें खरीदीं और वहां से यमुना नदी में नहाकर मिट्टी लाया जिससे वह हर दिन तिलक लगता था। प्रेमानंद की किताबें पढ़ता था। परिवार में हर कोई चाहता है कि वह घर वापस आए। वह जो चाहे करे, लेकिन घर में रह कर करे। आदर्श की दादी निर्मला तिवारी ने कहा कि घर में सब रो रहे हैं। आदर्श की बहन अक्षिता तिवारी ने कहा कि दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा के दौरान उसने कहा था कि वह घर से एक दिन फरार हो जाएगा। लापता छात्र के पड़ोसी पंकज रॉय ने कहा कि आध्यात्मिक सोच अच्छी है, लेकिन अभी वह छोटा है। हम चाहते हैं कि वह घर वापस आ जाए। साधु बनने की राह में निकला 11वीं का यह छात्र किसी और के मन की दिशा के अनुसार नहीं, बल्कि अपने मन में उठे तूफान द्वारा तय दिशा के साथ ही आगे बढ़ेगा।

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