AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने 7 मई को कहा कि ज्ञानवापी-शृंगार गौरी परिसर के कुछ इलाकों के सर्वेक्षण पर अदालत का हालिया आदेश “रथ यात्रा के रक्तपात और 1980-1990 के दशक की मुस्लिम विरोधी हिंसा का रास्ता खोल रहा है”। वाराणसी की अदालत के आदेश की निंदा करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने एक ट्वीट में कहा, “काशी की ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वेक्षण करने का यह आदेश 1991 के पूजा स्थल अधिनियम का खुला उल्लंघन है, जो धार्मिक स्थलों के रूपांतरण पर रोक लगाता है।”
आदेश के एक दिन बाद आया नया
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “अयोध्या के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अधिनियम भारतीय राजनीति की धर्मनिरपेक्ष विशेषताओं की रक्षा करता है जो संविधान की बुनियादी विशेषताओं में से एक है।” असदुद्दीन ओवैसी का बयान अदालत के एक आयुक्त के वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद में अदालत के आदेश के अनुसार परिसर का सर्वेक्षण और वीडियोग्राफी करने के एक दिन बाद आया है।