Home
National
International
Jharkhand/Bihar
Health
Career
Entertainment
Sports Samrat
Business
Special
Bright Side
Lifestyle
Literature
Spirituality

भाजपा के लिए सबक है बंगाल का जनादेश, हर सीट पर बढ़ा तृणमूल का वोट

भाजपा के लिए सबक है बंगाल का जनादेश, हर सीट पर बढ़ा तृणमूल का वोट

Share this:

Breaking news, National top news, national news, national update, national news, Kolkata news, West Bengal news, election 2024 : पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में गंगा के मैदानी इलाकों में तो अपना परचम लहराया ही है, साथ ही राज्य की राजनीति में अहम स्थान रखनेवाले पश्चिमी जंगलमहल क्षेत्र में भी बढ़त हासिल करते हुए यहां 29 में से 18 सीटें हासिल की हैं। भाजपा उत्तर बंगाल और दक्षिण बंगाल में मतुआ पट्टी पर अपना प्रभुत्व बनाये रखने में सक्षम थी, जो राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में भी महत्त्व रखता है। इसके बावजूद ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी ने पिछले चुनाव की तुलना में 07 अधिक सीटें हासिल की हैं।
तृणमूल ने राज्य की 42 लोकसभा सीटों में से 29 सीटों पर जीत प्राप्त की है, जबकि भाजपा ने केवल 12 सीट जीतीं, जो 2019 में उसे प्राप्त सीटों से 06 कम हैं। कांग्रेस केवल 01 सीट जीतने में सफल रही, जबकि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) पिछले चुनाव की तरह अपना खाता खोलने में विफल रही।
तृणमूल कांग्रेस ने गंगा के मैदानी इलाकों में 16 लोकसभा सीटों में से 14 सीटें जीती हैं। इस क्षेत्र में उत्तर और दक्षिण 24 परगना, कोलकाता, हावड़ा और हुगली जिले शामिल हैं। इस क्षेत्र में भाजपा की सीट 03 से घट कर 02 रह गयीं।
तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने डायमंड हार्बर में हैट्रिक बनाते हुए 7.10 लाख वोटों के रिकॉर्ड अंतर से जीत हासिल की, जो शायद पिछले कुछ दशकों में पश्चिम बंगाल में जीत का सबसे ज्यादा अंतर है।
भाजपा को बशीरहाट निर्वाचन क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की उम्मीद थी, जिसके अंतर्गत संदेशखाली आता है, लेकिन उसकी उम्मीदवार रेखा पात्रा को तृणमूल के हाजी नुरुल इस्लाम से लगभग दो लाख वोट से हार का सामना करना पड़ा है।
इस क्षेत्र में प्रभावी रही तृणमूल कांग्रेस ने सत्ता विरोधी लहर और मौजूदा सांसदों के खराब प्रदर्शन के कारण छह सीटें – उत्तर 24 परगना में 03, दक्षिण 24 परगना में 02 और हुगली में 01 पर नये उम्मीदवारों को खड़ा किया। साल 2021 के विधानसभा चुनाव में भी, तृणमूल ने 24 परगना के 02 जिलों में सभी सीटों पर जीत हासिल की थी।
तृणमूल कांग्रेस ने आदिवासी बहुल पश्चिमी जिलों में भी अच्छा प्रदर्शन किया, जिन्हें सामूहिक रूप से जंगलमहल के नाम से जाना जाता है। इस इलाके में 08 संसदीय क्षेत्र हैं। भाजपा और तृणमूल ने जंगलमहल में 04-04 सीटें जीतीं, जबकि राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी को 2019 की तुलना में 01 सीट का फायदा हुआ। भाजपा को तब झटका लगा, जब केन्द्रीय मंत्री और निवर्तमान सांसद सुभाष सरकार बांकुड़ा सीट पर तृणमूल के अरूप चक्रवर्ती से 32 हजार 778 वोटों के अंतर से हार गये। हालांकि, भाजपा उत्तर बंगाल में अपना प्रभुत्व बनाये रखने में सफल रही, जिसमें पहाड़ियां, तराई और डुआर्स शामिल हैं, जहां उसे आठ में से छह लोकसभा सीट पर जीत मिली है।
कांग्रेस उम्मीदवार इशा खान चौधरी ने मालदा दक्षिण से 1.28 लाख से अधिक वोटों से जीत हासिल की। केन्द्रीय मंत्री निशीथ प्रमाणिक कूचबिहार में तृणमूल कांग्रेस के जगदीश चंद्र बर्मा बसुनिया से 39 हजार 250 वोटों से हार गये। जीतनेवाले भाजपा उम्मीदवारों के लिए जीत का अंतर भी कम हो गया। दार्जिलिंग में निवर्तमान सांसद राजू बिस्ट की जीत का अंतर 2019 में 4.13 लाख से घट कर 2024 में 1.78 लाख हो गया, जबकि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने बालुरघाट सीट केवल 10 हजार 386 वोट से जीती। पिछले चुनाव में वह 33 हजार 293 वोट से जीते थे। दक्षिणी पश्चिम बंगाल में मतुआ बहुल पट्टी में, भाजपा ने बनगांव और राणाघाट दोनों पर जीत हासिल की है। केन्द्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने 73 हजार 693 वोट के अंतर से जीतकर बनगांव सीट बरकरार रखी। तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा पास की कृष्णानगर सीट से 56 हजार 705 वोट से जीत गयी हैं।

Share this: