आगामी 7 से 25 मार्च तक लंदन के वैडिंगटन में बहुराष्ट्रीय ‘कोबरा योद्धा अभ्यास’ होगा। इसमें भारतीय वायुसेना लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस और अन्य लड़ाकू विमानों के साथ भाग लेगी। यह पहला मौका होगा, जब भारत का एलसीए तेजस किसी अंतरराष्ट्रीय युद्धाभ्यास में हिस्सा लेगा। एलसीए तेजस मार्क-वन ने इसी माह सिंगापुर एयर शो मेंलो-लेवल एयरोबैटिक्स डिस्प्ले में अपना जलवा दिखा कर दर्शकों को रोमांचित कर दिया था।
क्षमता दिखाने का मिलेगा मंत्र
वायुसेना प्रवक्ता के अनुसार इस अभ्यास का उद्देश्य संचालनात्मक अनुभव प्रदान करना और भाग लेने वाली वायु सेनाओं के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना है, जिससे युद्ध क्षमता में वृद्धि और दोस्ती भी मजबूत होगी। यह एलसीए तेजस के लिए अपनी गतिशीलता और परिचालन क्षमता का प्रदर्शन करने के लिए एक मंच होगा। भारतीय वायु सेना के पांच तेजस यूनाइटेड किंगडम के लिए उड़ान भरेंगे। परिवहन विमान सी-17 इंडक्शन और डी-इंडक्शन के लिए वायुसेना को आवश्यक परिवहन सहायता देगा। रॉयल एयरफोर्स का ‘कोबरा योद्धा अभ्यास’ इस बार 7 मार्च से 25 मार्च तक लंदन के वैडिंगटन में आयोजित होने वाला है। इसमें 05 तेजस मार्क-वन और 04 अन्य एयरक्राफ्ट भाग लेंगे, जो संभवतः आईएल 78एमकेआई और सी-17 होंगे।
सिंगापुर में भी तेजस मार्क-वन ने लिया था भाग
ऐसा पहली बार होगा जब भारतीय वायुसेना का तेजस विदेशी वायु सेना के साथ अभ्यास में भाग लेगा। तेजस पिछले कुछ वर्षों से भारतीय वायुसेना के आंतरिक अभ्यास और कई एयर शो में भाग ले रहा है। इसी माह 15-18 को हुए सिंगापुर एयर शो में 3 तेजस मार्क-वन ने हिस्सा लिया था। तेजस ने भारत से सिंगापुर के चांगी एयरबेस के लिए बिना रुके 3000 किमी. की उड़ान भरी थी। इससे अब भारतीय वायुसेना का इस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट पर विश्वास जगने लगा है। वायुसेना का यह हवाई बेड़ा रॉयल एयरफोर्स, वाशिंगटन से संचालित होगा। अभ्यास के दौरान यूके आरएएफ का एफ35बी और यूरोफाइटर टाइफून होगा।
अमेरिकी वायुसेना भी ले रही हिस्सा
अमेरिकी एयर फोर्स के पास एफ15ई और एफ35ए फाइटर जेट होंगे। सउदिया के पास अपने टाइफून और टॉर्नेडो होंगे। इस बहुराष्ट्रीय हवाई अभ्यास में बेल्जियम के एफ16 लड़ाकू विमानों के साथ ग्रिपेन के साथ स्वीडिश एयरफोर्स भी भाग लेगी। टॉप एसेस ए4 फाइटर जेट्स भी इसमें शामिल हो सकते हैं। यह अभ्यास भारतीय तेजस को एफ-16, एफ-15, एफ-35, टाइफून, टॉरनेडो और ग्रिपेन फाइटर जेट्स के साथ उड़ान भरने की अनुमति देगा। आमतौर पर भारतीय वायुसेना विदेशी अभ्यासों के लिए अपने रूसी लड़ाकू विमान सुखोई-30एमकेआई को भेजती है लेकिन पहली बार इस तरह के बहुराष्ट्रीय हवाई अभ्यास में तेजस की तैनाती कई मिसालें कायम करेगी।