साइबर अपराध के मामले में बिहार का नवादा अब झारखंड का जामताड़ा बनता जा रहा है। झारखंड का जामताड़ा साइबर ठगी के लिए कुख्यात है। नवादा पुलिस की टीम ने पकरीबरावां थाना इलाके के थालपोस गांव में एक बगीचे में बैठकर ठगी करने वाले 33 साइबर अपराधियों को एक साथ गिरफ्तार किया है। मौके से एक बाइक, तीन लैपटाप, 65 मोबाइल सहित साइबर अपराध में प्रयुक्त अन्य सामान की बरामदगी हुई है। पहली बार जिले में इतनी बड़ी संख्या में साइबर अपराधियों को पकड़ा गया है।
पुलिस को सूचना मिली थी कि थालपोस गांव के बाहर बगीचे में बड़ी संख्या में साइबर अपराधी जुटे हैं। एसपी डीएस सावलाराम ने पकरीबरावां एसडीपीओ के नेतृत्व में टीम गठित की। रणनीति के तहत टीम किराए के वाहनों से गांव के ट्यूवेट के पास पहुंची और बगीचे की घेराबंदी कर दी। पुलिस को देख अपराधी भागने लगे। लेकिन सतर्क जवानों ने खदेड़कर 33 बदमाशों को दबोच लिया। हालांकि, कुछ भागने में सफल रहे। गिरफ्तार सभी साइबर अपराधियों को पकरीबरावां थाना लाया गया है। उनसे पूछताछ चल रही है।
साइबर अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने किराए की गाड़ियों का इस्तेमाल किया था। गाड़ी में सवार जवान दिखें नहीं, इसके लिए वाहन के पर्दे गिरा दिए गए थे। पुलिस छिपते-छिपाते साइबर अपराधियों के ठिकाने तक पहुंची। सुनियोजित कार्रवाई के कारण ठगों को संभलने का मौका नहीं मिल सका। गिरफ्तार अपराधी अलग-अलग ग्रुप के बताए जा रहे हैं। कुंदन, विक्की नामक शातिर को इनका सरगना बताया जा रहा है।
साइबर अपराध के लिए बदनाम रहा है यह क्षेत्र
नवादा-नालंदा व शेखपुरा जिले के कई सीमावर्ती क्षेत्र साइबर अपराध के लिए देशभर में कुख्यात हो गए हैं। इसी में पकरीबरावां थाना क्षेत्र का थालपोस, उसरी, कोनंदपुर, हथियरी गांव शामिल हैं। साइबर अपराधी दिन में गांव के बाहर बाग-बगीचे में जमावड़ा लगाते हैं और फोन काल के जरिए लोगों को लाटरी में कार निकलने, पेट्रेाल पंप दिलाने, मोबाइल टावर लगाने आदि का झांसा देकर अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करा ठगी का शिकार बनाते हैं। आए दिन हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश आदि राज्यों से पुलिस ऐसे मामले की पड़ताल करते आरोपितों की टोह में इन इलाकों में पहुंचती है।