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बिहार और आंध्र प्रदेश को मिली बड़ी सौगात, जाने क्या हुआ सस्ता और क्या महंगा 

बिहार और आंध्र प्रदेश को मिली बड़ी सौगात, जाने क्या हुआ सस्ता और क्या महंगा 

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– लगातार 7वीं बार बजट पेश कर बनाया रिकॉर्ड

– बजट में 7.75 लाख तक की आय कर मुक्त

– बिहार को मिलेंगे 60 हजार करोड़ रुपये से अधिक

– आंध्र प्रदेश के लिए 15 हजार करोड़ रुपये का एलान

New Delhi news : केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को केन्द्रीय बजट 2024-25 लोकसभा में पेश किया। सीतारमण ने लगातार 7वीं बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड भी बनाया। वित्त मंत्री ने एक घंटा 23 मिनट के बजट भाषण में वेतनभोगी वर्ग को थोड़ा राहत देने का एलान किया। नयी कर व्यवस्था चुननेवाले करदाताओं के लिए अब 7.75 लाख रुपये तक की इनकम कर मुक्त हो गयी है। वित्त मंत्री ने केन्द्रीय बजट में बिहार के लिए 60 हजार करोड़ रुपये से अधिक का प्रस्ताव रखा है। वहीं, आंध्र प्रदेश को 15 हजार करोड़ रुपये की मदद का एलान किया है।

वित्त मंत्री सीतारमण ने केन्द्रीय बजट 2024-25 लोकसभा में पेश करते हुए कहा कि वैश्विक स्तर पर भारत की वृद्धि एक चमकता सितारा बना हुआ है, जो आनेवाले वर्षों में ऐसा ही बना रहेगा। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में उधार के अलावा कुल प्राप्तियां 32.07 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान जताया गया है, जबकि कुल व्यय 48.21 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है। सीतारमण ने बजट में शुद्ध कर प्राप्तियां 25.83 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान जताया है। वहीं, राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 4.9 फीसदी रहने का अनुमान व्यक्त किया है। केन्द्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 के केन्द्रीय बजट में बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा और आंध्र प्रदेश के लिए बुनियादी ढांचे के विकास के लिए स्पेशल योजना लाने का वादा भी किया। बजट में उन्होंने नयी कर व्यवस्था चुननेवाले वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए मानक कटौती को 50 हजार रुपये से बढ़ा कर 75,000 रुपये करने का एलान किया है। टैक्स स्लैब में इस बदलाव से करदाताओं को 17.5 हजार रुपये का फायदा होगा। बजट में पारिवारिक पेंशन पर छूट की सीमा 15 हजार रुपये से बढ़ा कर 25 हजार रुपये करने का भी ऐलान किया गया है।

वित्त मंत्री ने कहा कि इन दोनों बदलावों से 04 करोड़ नौकरीपेशा और पेंशनर्स को फायदा मिलेगा। उन्होंने ‘आयकर अधिनियम 1961’ की व्यापक समीक्षा करने का एलान किया, जिससे टैक्स सम्बन्धी विवाद और मुकदमेबाजी कम होगी। इसको 06 महीने में पूरा करने का प्रस्ताव है। बजट में निवेशकों के सभी वर्गों पर लगनेवाले एंजल टैक्स को समाप्त करने का प्रस्ताव दिया गया है। इससे देश के स्टार्टअप को फायदा मिलेगा और स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा।

सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कैंसर के इलाज की तीन दवाओं को मूल सीमा शुल्क से छूट दी जाने का एलान किया। उन्होंने मोबाइल फोन उद्योग पर भी छूट देने का एलान करते हुए कहा, ‘मैं मोबाइल फोन और मोबाइल पीसीबीएस तथा मोबाइल चार्जर पर बीसीडी को घटा कर 15 फीसदी करने का प्रस्ताव करती हूं।’ उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चौथे चरण की शुरुआत करने का भी एलान किया। इसके तहत 25 हजार ग्रामीण बस्तियों को सभी मौसमों के अनुकूल सड़कें उपलब्ध करायी जायेंगी।

वित्त मंत्री ने केन्द्रीय बजट में कृषि और सम्बद्ध क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया है। उन्होंने कहा कि सरकार घरेलू संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक के ऋण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार 500 शीर्ष कम्पनियों में एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करने के लिए एक योजना शुरू करेगी, जिसमें 5000 रुपये प्रति महीने इंटर्नशिप भत्ता और 06 हजार रुपये की एकमुश्त सहायता दी जायेगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार अगले 05 साल में बुनियादी ढांचे के लिए मजबूत राजकोषीय समर्थन बनाये रखने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि पूंजीगत व्यय 11.11 लाख करोड़ रुपये होगा, जो हमारे सकल घरेलू उत्पाद का 3.4 फीसदी होगा। उन्होंने कहा कि वित्तीय घाटा 2024-25 तक सकल घरेलू उत्पाद का 4.9 फीसदी रहने का अनुमान है, जबकि हमारा लक्ष्य घाटे को 4.5 फीसदी से नीचे पहुंचाना है। नि:शुल्क सौर बिजली योजना पर वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की शुरुआत की गयी है, जिसके तहत छतों पर सोलर पैनल लगाये जायेंगे, जिससे एक करोड़ परिवारों को हर महीने 300 यूनिट तक निशुल्क बिजली मिल सकेगी। यह योजना इसे और बढ़ावा देगी।

सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा कि हमारी सरकार आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम में की गयीं प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की पूंजी की आवश्यकता को समझते हुए, हम बहुपक्षीय एजेंसियों के माध्यम से विशेष वित्तीय सहायता की सुविधा प्रदान करेंगे। चालू वित्त वर्ष 2024-25 में भविष्य के वर्षों में अतिरिक्त राशि के साथ 15,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की जायेगी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार पोलावरम सिंचाई परियोजना के शीघ्र पूरा होने और वित्त पोषण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, जो आंध्र प्रदेश और उसके किसानों के लिए जीवन रेखा है।

वित्त मंत्री ने बिहार के लिए पिटारा खोलते हुए हवाई अड्डों सहित अन्य कई परियोजनाओं के लिए 60 हजार करोड़ रुपये से अधिक का प्रस्ताव रखा। इनमें तीन एक्सप्रेस-वे, एक बिजली संयंत्र, विरासत गलियारों, नये हवाई अड्डे एवं खेल से सम्बन्धित बुनियादी ढांचे वाले योजनाओं की रूपरेखा पेश की।

वित्त मंत्री ने बिहार के लिए 21,400 करोड़ रुपये की लागत से बिहार के पीरपैंती में 2400 मेगावाट का नया बिजली संयंत्र स्थापित करने सहित बिजली परियोजनाएं शुरू करने का एलान किया। इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष 2024-25 में भविष्य के वर्षों में अतिरिक्त राशि के साथ 15 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था की जायेगी। उन्होंने कहा कि अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर पर हम बिहार के गया में औद्योगिक विकास को समर्थन देंगे, जो पूर्वी क्षेत्र के विकास को गति देगा। उन्होंने अपने बजट भाषण में कहा कि हम सड़क सम्पर्क परियोजनाओं पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस-वे, बक्सर-भागलपुर राजमार्ग, बोधगया-राजगीर-वैशाली-दरभंगा के विकास में सहयोग करने और बक्सर में गंगा नदी पर 26,000 करोड़ रुपये की लागत से एक अतिरिक्त दो लेन का पुल बनाने की घोषणा की।

सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चौथे चरण की शुरुआत की जायेगी, जिसके तहत 25 हजार ग्रामीण बस्तियों को सभी मौसमों के अनुकूल सड़कें उपलब्ध करायी जायेंगी। उन्होंने कहा कि बिहार में अक्सर बाढ़ आती रहती है। नेपाल में बाढ़ नियंत्रण संरचनाओं के निर्माण की योजना अभी तक आगे नहीं बढ़ पायी है। हमारी सरकार 11,500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि असम जो हर साल बाढ़ से जूझता रहता है। बाढ़ प्रबंधन और संबंधित परियोजनाओं के लिए सहायता मिलेगी।

वित्त मंत्री ने हिमाचल प्रदेश को बाढ़ के कारण हुए भारी नुकसान के लिए बहुपक्षीय सहायता के माध्यम से पुनर्निर्माण के लिए सहायता करने का एलान किया। इसके अतिरिक्त, उत्तराखंड, जिसे भूस्खलन और बादल फटने से काफी नुकसान हुआ है, को आवश्यक सहायता प्रदान की जायेगी।

निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 के केन्द्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि अभी भी शानदार अपवाद बनी हुई है, ये आनेवाले साल में भी ऐसी ही रहेगी। उन्होंने कहा कि भारत की मुद्रास्फीति कम और स्थिर बनी हुई है, जो चार फीसदी के लक्ष्य की ओर बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि मुझे 02 लाख करोड़ रुपये के केन्द्रीय परिव्यय के साथ 05 सालों में 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार, कौशल और अन्य अवसरों की सुविधा के लिए 05 योजनाओं और पहलों के प्रधानमंत्री पैकेज की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। इस वर्ष हमने शिक्षा, रोजगार और कौशल के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।

सीतारमण ने कहा कि जैसा कि अंतरिम बजट में उल्लेख किया गया है, हमें 04 अलग-अलग जातियों, गरीब, महिला, युवा और किसान पर ध्यान केन्द्रित करने की आवश्यकता है। किसानों के लिए हमने सभी प्रमुख फसलों के लिए उच्च न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा की है, जो लागत से कम से कम 50 फीसदी मार्जिन के वादे को पूरा करता है। उन्होंने कहा कि पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना को 05 साल के लिए बढ़ाया गया है, जिससे 80 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ हुआ है।

वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में सरकारी की नौ प्राथमिकताएं हैं, जिनमें खेती में उत्पादकता, रोजगार और क्षमता विकास, समग्र मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय, विनिर्माण और सेवाएं, शहरी विकास, ऊर्जा सुरक्षा, अधोसरंचना, नवाचार, शोध व विकास और अगली पीढ़ी के सुधार शामिल हैं।

बजट को लोकसभा में पेश करने से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। वित्त मंत्री ने स्थापित परम्परा के तहत राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति मुर्मू से बजट पेश करने की अनुमति ली। इसके बाद केन्द्रीय बजट 2024-25 को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। ये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाईवाली सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट है। लोकसभा चुनाव के कारण अंतरिम बजट एक फरवरी, 2024 को पेश किया गया था। निर्मला सीतारमण ने लगातार सातवीं बार वित्?त वर्ष 2024-25 का बजट पेश कर रिकॉर्ड कायम किया है। यह बजट 2047 तक विकसित भारत की रूपरेखा तैयार करेगा। इससे पहले मोरारजी देसाई के नाम लगातार छह बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड है।

सरकार का ध्यान कर दायरा बढ़ाने और कर व्यवस्था को सरल बनाने पर केन्द्रित : वित्त मंत्री

नयी दिल्ली : केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बजट पेश करने के बाद कहा कि सरकार लगातार कर (टैक्स) का दायरा बढ़ाने जोर दे रही है। भारत में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह से कर दायरे का विस्तार करने की जरूरत है। साथ ही, उन्होंने कहा कि बजट में केवल कर राजस्व का ही नहीं, बल्कि गैर-कर राजस्व संग्रहण भी योगदान दे रहा है। सरकारी कम्पनियों का लाभ बेहतर हो रहा है। उनका मूल्यांकन काफी बढ़ गया है और उनके प्रदर्शन में काफी सुधार हुआ है।

केन्द्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के बाद दोपहर में राष्ट्रीय मीडिया केन्द्र में पत्रकार वार्ता को सम्बोधित किया। इसमें उन्होंने कहा कि सरकार केवल कर राजस्व को बढ़ाने ही नहीं, बल्कि कर व्यवस्था को सरल करने पर भी ध्यान केन्द्रित कर रही है। हम कर व्यवस्था की समीक्षा के माध्यम से एक सरल कर व्यवस्था की ओर बढ़ रहे हैं। नयी आयकर व्यवस्था पुरानी कर व्यवस्था को सरल बनाने की राह में लायी गयी है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज बजट घोषणा में सम्पत्ति की बिक्री पर मिलनेवाले इंडेक्सेशन लाभ हटाने की घोषणा की थी। इसका मतलब कि सम्पत्ति बेचनेवाले व्यक्ति अब मुद्रास्फीति का उपयोग करके अपनी खरीद मूल्य को समायोजित नहीं कर पायेंगे, जिससे उनको होनेवाला लाभ कम हो जायेगा।

इस पर सवाल के जवाब में वित्त सचिव डी.आर. टी.वी.सोमनाथन ने कहा कि रियल एस्टेट, सोना और अन्य सम्पत्तियों पर पहले इंडेक्सेशन के साथ कर दर 20 प्रतिशत थी। इसे अब बिना इंडेक्सेशन के घटा कर 12.5 प्रतिशत कर दिया गया है। ऐसा करते समय यह माना गया है कि अचल सम्पत्ति पर रिटर्न की दर आम तौर पर 10 प्रतिशत प्रति वर्ष से ऊपर रहती है और मुद्रास्फीति लगभग 04 प्रतिशत प्रतिवर्ष है। रियल एस्टेट में रिटर्न की वास्तविक दर पहले 06 प्रतिशत और 16 प्रतिशत प्रति वर्ष के बीच रहती है। ऐसे में विक्रेता का ज्यादा रिटर्न पर कम कर देना पड़ेगा और कम रिटर्न पर मामूली बढ़ोत्तरी होगी। ऐसा करने से कर व्यवस्था अधिक सरल भी हो गयी है।

वहीं, इस बार के बजट में सरकार ने एंजेल टैक्स हटाने का भी फैसला किया है। एंजेल टैक्स एक शब्द है, जिसका उपयोग मूल रूप से आॅफ-मार्केट लेनदेन के माध्यम से शेयर जारी करके गैर-सूचीबद्ध कम्पनियों द्वारा जुटायी गयी पूंजी पर देय आयकर से जुड़ा है। हालांकि, इसे लगाये जाने के पीछे एक कारण मनी लॉंड्रिंग पर नजर रखना भी था। अब सरकार का कहना है कि मनी लांड्रिंग पर नजर रखने के लिए अन्य प्रावधान हैं।

एंजेल टैक्स हटाये जाने पर वित्त मंत्री ने कहा कि इसे 2012 में यूपीए सरकार लेकर आई थी। सरकार में निरंतरता बनाये रखने के लिए हमने इसे जारी रखा। लेकिन, अब एक संतुलित दृष्टिकोण रखते हुए हमने इसे हटाने का फैसला किया है।

खुला पिटारा…..देख लें क्या सस्ता…क्या महंगा 

केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश कर कई महत्त्वपूर्ण घोषणाएं कीं। इसमें कई चीजों पर कस्टम ड्यूटी कम की है। जो चीजें सस्ती होंगी, उनमें कैंसर की दवाइयां, मोबाइल फोन, सोना, चांदी, चमड़े की वस्तुएं और सी फूड शामिल हैं। मोदी सरकार के कदम से इन सभी वस्तुओं की कीमतें बाजार में कम होगी, जिनसे आम लोगों को बड़ा फायदा होगा।

क्या हुआ सस्ता

1.कैंसर के इलाज में काम आनेवाले तीन दवाएं अब होंगी सस्ती। मोदी सरकार ने इन दवाओं पर कस्टम ड्यूटी हटाने का फैसला किया है।

2. मोबाइल फोन, चार्जर और मोबाइल के पुर्जे या पार्ट्स भी सस्ते हो जायेंगे।  सरकार ने बजट में बेसिक कस्टम ड्यूटी कम करने का प्रस्ताव रखा है।

3. सोना और चांदी खरीदना होगा सस्ता। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024 में गोल्ड और सिल्वर पर लगनेवाली इम्पोर्ट ड्यूटी को घटा कर 06 प्रतिशत करने का फैसला किया है। साथ ही, प्लेटिनम पर भी आयात शुल्क घटा कर 6.4 प्रतिशत कर दिया है।

4. फेरोनिकेल, ब्लिस्टर कॉपर होगा सस्ता। केन्द्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने फेरोनिकेल, ब्लिस्टर कॉपर पर मूल सीमा शुल्क हटाने की घोषणा की है।

5. ब्रूड स्टॉक, झींगा और मछली फीड के भी दम कम। 

सीतारमण ने कुछ ब्रूड स्टॉक, झींगा और मछली फीड पर बुनियादी सीमा शुल्क को घटा कर 05 प्रतिशत करने का भी प्रस्ताव रखा है।

क्या होगा महंगा

1.गैर-बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक होगा महंगा। मोदी सरकार अमोनियम नाइट्रेट पर सीमा शुल्क बढ़ा कर 10 प्रतिशत और गैर-बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक पर 25 प्रतिशत करेगी।

2. स्पेसिफाइड टेलीकम्युनिकेशन इक्विपमेंट हुए महंगे।

साथ ही, सरकार ने स्पेसिफाइड टेलीकम्युनिकेशन इक्विपमेंट पर शुल्क को 10 प्रतिशत से बढ़ा कर 15 प्रतिशत कर दिया।

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