अब बिहार की नीतीश सरकार सरकार संपत्ति बंटवारा कानून में संशोधन लाने जा रही है। इसमें गांव और पंचायत स्तर पर ही बहुमत के आधार पर संपत्ति बंटवारे से जुड़े मामलों को निबटाने की व्यवस्था होगी। इसमें पंच-सरपंच जैसे जनप्रतिनिधियों के साथ न्यायमित्र, सरकारी अमीन वह अंचलाधिकारी को भी शामिल किया जाएगा। जिससे निर्णय कानून संगत हो। फिलहाल संशोधन के प्रारूप को अंतिम रूप दिया जा रहा है। भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री रामसूरत राय ने विधान परिषद में बुधवार को राजद सदस्य रामचंद्र पूर्वे के सवाल के जवाब में इस आशय की जानकारी दी।
बहुमत से होगा संपत्ति का बंटवारा
मंत्री ने उदाहरण देते हुए बताया कि अगर चार में तीन भाई बंटवारे के लिए सहमत हैं और एक भाई बंटवारा नहीं चाहता है तो बहुमत के आधार पर बंटवारा करने की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए पहले उस भाई को नोटिस दिया जाएगा। नोटिस मिलने के बाद भी अगर वह पक्ष नहीं आता है तो सभी प्लाट से उसका हिस्सा निकालकर अलग कर दिया जाएगा ताकि किसी के साथ नाइंसाफी न हो। तकनीकी अड़चनों को दूर कर जल्द ही संशोधन प्रस्ताव लाया जाएगा।
प्रक्रिया की कराई जाएगी वीडियोग्राफी
मंत्री ने कहा कि कई लोग विदेश अथवा राज्य से बाहर रहते हैं और बंटवारे के समय उपस्थित नहीं हो पाते। ऐसे लोगों के लिए पंचायत स्तर पर निबटाए जाने वाले मामलों की पूरी वीडियोग्राफी होगी, ताकि वह पूरी प्रक्रिया को देख सके। इससे पारदर्शिता भी आएगी।
करीब 72 लाखिया की याचिकाओं का निष्पादन
मंत्री राय ने कहा कि राज्य के सभी अंचलों में 21 फरवरी तक दाखिल-खारिज के कुल 72 लाख 28 हजार 241 याचिकाओं में से 62 लाख 48 हजार 335 याचिकाओं का निष्पादन किया गया है। परिमार्जन पोर्टल पर 16 लाख 75 हजार 498 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिसमें 14 लाख 68 हजार 766 आवेदनों का निष्पादन हुआ है। आनलाइन लगान के 33.75 लाख रसीद निर्गत की गई है, जिससे 70 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ है।