यदि आप बिहार के किसी शहर में मकान बनाना चाहते हैं तो आपको अब स्क्रूटनी फीस भी देनी होगी। यह स्क्रूटनी फीस एक हजार से 10 हजार रुपये तक हो सकती है। नक्शा बनाने के लिए नगर निकायों को दिए जाने वाले आवेदन के साथ ही यह शुल्क जमा करना होगा। बिल्डिंग बायलाज में संशोधन किए जाने के बाद नया शुल्क जोड़ा गया है। नगर विकास और आवास विभाग ने इससे संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है। नए प्रविधान के अनुसार, किस भवन को कितना शुल्क देना होगा, यह तय करने के लिए भवनों का जोखिम आधारित वर्गीकरण होगा। यह भवन की ऊंचाई और भूखंड क्षेत्र आदि के आधार पर मापा जाएगा। इसके लिए भवनों को कम जोखिम (लो रिस्क), मध्यम जोखिम (माडरेट रिस्क) और उच्च जोखिम (हाई रिस्क) श्रेणी में बांटा जाएगा। कम जोखिम वाले भवनों को एक हजार, मध्यम को पांच हजार और उ’च जोखिम वाले भवनों को 10 हजार रुपये स्क्रूटनी फीस देनी होगी।
15 दिन के भीतर मकान का निरीक्षण
कम जोखिम वर्ग के भवनों के स्वामी विश्वास व सत्यापित के आधार पर अपेक्षित प्लान, दस्तावेज व फीस जमा करने के साथ ही प्लान के अनुसार भवन निर्माण शुरू कर सकेंगे। इस मामले में नक्शा जमा करने की तारीख से 15 दिनों के अंदर नगर निकाय को भवन निर्माण का निरीक्षण करना होगा। इस दौरान यदि पाया जाता है कि गलत जानकारी अथवा दस्तावेज के आधार पर अनुमति ली गई है तो उसे निलंबित या निरस्त किया जा सकेगा।
आपत्ति होने पर सात दिनों में समीक्षा व जवाब
उच्च और मध्यम जोखिम वर्ग वाले भवनों के मालिक आवेदन के साथ क्रमश: पांच हजार व दस हजार की फीस जमा करेंगे। प्लान दस्तावेज में कमी पाए जाने पर 15 दिनों के अंदर सभी स्पष्टीकरण एक साथ मांगे जाएंगे। इस अवधि के दौरान ही संबंधित निकायों को स्थल निरीक्षण करना होगा। आपत्तियों का निराकरण करते हुए आवेदक सात दिनों के अंदर वांछित दस्तावेज फिर से जमा करेंगे। प्राधिकार भी सात दिनों में समीक्षा कर अंतिम निर्णय देगा।
इस तरह तय की जाएगी स्क्रूटनी फीस
कम जोखिम : एक हजार फीस
10 मीटर तक ऊंचाई वाले जी प्लस टू आवासीय भवन। भूखंड क्षेत्र 300 वर्गमीटर तक।
मध्यम जोखिम : पांच हजार फीस
10.1-15 मीटर तक ऊंचाई वाले आवासीय भवन। भूखंड क्षेत्र 300-500 वर्ग मीटर।
उच्च जोखिम : दस हजार फीस
15 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले आवासीय भवन। भूखंड क्षेत्र 500 वर्गमीटर के ऊपर।