New Delhi news: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा के कृत्यों को ‘लक्षणात्मक रोग’ के रूप में संदर्भित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल की निन्दा की।
धनखड़ की टिप्पणी 21 अगस्त को सिब्बल द्वारा पारित विवादास्पद प्रस्ताव के बाद आयी है, जिसमें कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बलात्कार-हत्या मामले को सम्बोधित किया गया था। सिब्बल के प्रस्ताव में इस घटना को एक लक्षणात्मक रोग बताया गया था, जिसकी एससीबीए के भीतर और बाहर काफी आलोचना हुई थी।
दिल्ली विश्वविद्यालय के भारती कॉलेज में ‘विकसित भारत में महिलाओं की भूमिका’ विषय पर छात्रों और फैकल्टी सदस्यों को सम्बोधित करते हुए धनखड़ ने इस बात पर जोर दिया कि प्रस्ताव में की गयीं टिप्पणियां महिलाओं के खिलाफ हिंसा की गम्भीरता को कम करती हैं और उच्च पद पर बैठे किसी व्यक्ति की छवि को खराब करती हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं आश्चर्यचकित हूं; मैं दुखी हूं और कुछ हद तक चकित हूं कि सर्वोच्च न्यायालय के बार के एक सदस्य और संसद का एक सदस्य ऐसा कहते हैं। लक्षणात्मक रोग और यह सुझाव देते हैं कि ऐसी घटनाएं सामान्य हैं। शर्मनाक! ऐसी स्थिति की निंदा करने के लिए शब्द भी कम हैं। यह उस उच्च पद के साथ सबसे बड़ा अन्याय है।’
इस अवसर पर दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह, भारती कॉलेज की अध्यक्ष प्रो. कविता शर्मा, भारती कॉलेज की प्रिंसिपल प्रो. सलोनी गुप्ता, छात्र, फैकल्टी सदस्य और अन्य सम्मानित व्यक्ति भी उपस्थित थे।