New Delhi News: कांग्रेस ने भारत के कम उपभोग व्यय और बढ़ती आर्थिक असमानता पर चिंता जताते हुए नीति निर्माण में परिवर्तन किये जाने का आग्रह किया है। पार्टी ने इस बात पर जोर दिया है कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए ग्रामीण आय को पुनर्जीवित करना पहला कदम होना चाहिए। मसलन, मनरेगा मजदूरी में ऐसी वृद्धि हो जो मुद्रास्फीति को मात दे सके।
भारत के आर्थिक परिदृश्य और स्टार्टअप इकोसिस्टम के व्यापक विश्लेषण, वेंचर कैपिटल फर्म ब्लूम वेंचर्स द्वारा सिंधु घाटी वार्षिक रिपोर्ट 2025 का हवाला देते हुए कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने एक वक्तव्य में देश के उपभोग रुझानों पर प्रकाश डाला।
“भारत में असमानता बढ़ रही है और भारत का विकास केवल इसके सबसे अमीर लोगों से आ रहा है“
कांग्रेस नेता ने कहा कि चिन्ताजनक बात यह है कि उपभोक्ता वर्ग का विस्तार नहीं हो रहा है। प्रमुख संकेतक जैसे हवाई यात्री यातायात और दोपहिया वाहन बिक्री की मात्रा स्थिरता दर्शा रही है। भारत की आर्थिक वृद्धि मुख्य रूप से उपभोक्ता वर्ग की क्रय शक्ति बढ़ने से आ रही है। मिसाल के तौर पर कार बिक्री में एसयूवी का हिस्सा वित्त वर्ष 2019 में 23% था, जो वित्त वर्ष 2024 में बढ़ कर 50% हो गया। हाल के वर्षों में लगभग हर डेटा स्रोत ने एक ही सच्चाई की पुष्टि की है कि भारत में असमानता बढ़ रही है और भारत का विकास केवल इसके सबसे अमीर लोगों से आ रहा है।