Uttarakhand News Update, Dehradun, Dhami Government Committed To Control Private Schools : चाहे कोई भी राज्य हो प्राइवेट स्कूलों को नियंत्रित करना बहुत कठिन है। हर साल उनकी मनमानी से देश के करोड़ों अभिभावक परेशान रहते हैं। अब यह सुनने में आ रहा है कि उत्तराखंड पुष्कर सिंह धामी सरकार प्राइवेट स्कूलों की मनमानी को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने का मन बना लिया है। 6 हजार से अधिक निजी और दूसरे स्कूलों की मनमानी करना अब सरल नहीं होगा। सरकार ने प्राइवेट स्कूलों पर लगाम लगाने के लिए एक प्लान बनाया है। सरकार के सख्त ऐक्शन के बाद आईसीएसई, सीबीएसई और भारत शिक्षा बोर्ड से जुड़े सभी स्कूल इसकी जद में आ जाएंगे।
सरकार का होगा सीधा दखल
उत्तराखंड सरकार का प्राइवेट और अन्य स्कूलों में सीधा दखल रहेगा। सीबीएसई, आईसीएसई और भारत शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त सभी स्कूलों की प्रबंधन समिति में शिक्षा निदेशक के प्रतिनिधि के रूप 1-1 सरकारी सदस्य की नियुक्ति की जाएगी। यह जो सरकारी सदस्य होगा, स्कूल के 5 किमी के फायदे में स्थित सरकारी स्कूल का वरिष्ठ प्रधानाचार्य होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, फीस में मनमानी बढ़ोतरी और किताबें महंगी होने के वजह से और एनसीईआरटी किताबों की अनदेखी की शिकायतों को देखते हुए सरकार ही तरफ से यह निर्णय किया गया है।
माध्यमिक अपर निदेशक ने दिया आदेश
सभी सीईओ को अपर निदेशक माध्यमिक महावीर सिंह बिष्ट ने इस बाबत आदेश किए हैं। सभी सीईओ को प्रबंध समिति में नियुक्ति की कार्यवाही तत्काल शुरू करने को कहा गया है। महावीर सिंह बिष्ट की तरफ से बताया गया है कि उत्तराखंड में पहली बार यह व्यवस्था की जा रही है। पहले स्कूल प्रबंध समितियों के चुनाव के लिए आवश्यक सरकारी प्रतिनिधि मांगते थे। अब से हर स्कूल की प्रबंध समिति में एक प्रधानाचार्य शिक्षा निदेशक के प्रतिनिधि के रूप में शामिल होगा।
नीतिगत निर्णय में अहम भूमिका
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्कूलों में नीतिगत निर्णय में एक अहम भूमिका होगी। उसकी नजर किताब, स्कूलों की फीस, स्टेशनरी-यूनिफार्म आदि नीतियों पर रहेगी और निर्णयों में उसको राय अहम होगी। अगर नियमों का उल्लंघन होता है, तो फिर वह विभाग से कार्रवाई की संस्तुति भी कर सकेगा। प्रबंधन समिति में सरकारी सदस्य होता है, तो फिर इसमें स्कूलों पर पूरे शैक्षिक सत्र में नजर आसान होगा। नियमों का पालन करना संभव हो सकेगा।