कई बैठकों और तीन बड़े नेताओं के इनकार के बाद विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के नाम पर मुहर लगी थी। लेकिन पश्चिम बंगाल की सीपीएम इकाई ने यशवंत सिन्हा के नाम से असंतुष्ट नजर आ रही है। पार्टी का कहना है कि इस पद के लिए उम्मीदवार और बेहतर हो सकता था। बता दें कि यशवंत सिन्हा के मुकाबले में झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू मैदान में खड़ी हुई हैं।
सीपीएम संसद ने उठाए सवाल
इस मामले को लेकर सीपीएम ने फेसबुक पर एक संयुक्त बयान जारी किया था। इसमें सिन्हा की उम्मीदवारी का समर्थन किया गया था। इसके चलते पार्टी के अंदर ही विवाद खड़ा हो गया था। बंगाल से सीपीएम के राज्यसभा सांसद विकास रंजन भट्टाचार्य ने सिन्हा के पूर्व में भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस से मौजूदा संबंधों को देखते हुए उनकी उम्मीदवारी पर सवाल उठाए और कहा कि पार्टी को यह सहन करना होगा। वहीं, CPM के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि विपक्ष का उम्मीदवार बनाए जाने से पहले वाम दलों ने सिन्हा को सभी पार्टी पदों से इस्तीफा देने पर मजबूर किया था। साथ ही इसे वाम दलों की ‘नैतिक जीत’ भी बताया था।