Russia और Ukraine के बीच गहरे होते तनाव ने दुनिया के अन्य देशों की चिंताएं तो बढ़ाई ही है, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में भी इस स्थिति ने आग लगा दी है। कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है। अब यह लगभग 95 डालर प्रति बैरल तक हो गई है। इस कारण अर्थव्यवस्था पर एक बार फिर मंहगाई का दबाव बढ़ सकता है। यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के खतरे को देखते हुए कीमतों में पिछले सात वर्षो में उच्च बढ़ोतरी देखी गई है। विशेषज्ञ बता रहे हैं कि इससे मंहगाई दरों में इजाफा होने से इनकार नहीं किया जा सकता है।
सप्लाई में कमी बढ़ा रही चिंता
एक शीर्ष ऊर्जा उत्पादक समूह ने कच्चे तेल की आपूर्ति में कमी रहने से इन चिंताओं को और बढ़ा दिया है। यह रुख भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह अपनी कच्चे तेल संबंधी आवश्यकताओं पर विदेशी आयात पर अधिक निर्भर है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमतों में इजाफा होने से देश में घरेलू बाजार में तेल कीमतों में बढ़ोत्तरी होने से इसका मंहगाई पर सीधा असर पड़ेगा।