Kolkata news, West Bengal news : चुनाव के बाद हिंसा की आशंका के चलते चुनाव आयोग (ईसी) ने 19 जून तक पश्चिम बंगाल में केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की 400 कम्पनियों को बनाये रखने का फैसला किया है। लोकसभा चुनाव के नतीजे मंगलवार को घोषित किये जायेंगे। शुरू में यह तय किया गया था कि 400 कम्पनियों को मतगणना के ठीक दो दिन बाद यानी 06 जून तक राज्य में रखा जायेगा। हालांकि, पश्चिम बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि चुनाव के बाद बड़े पैमाने पर हिंसा की आशंका की ओर इशारा करनेवाली रिपोर्टों के मद्देनजर, अंतत: राज्य में सीएपीएफ की तैनाती को 19 जून तक बढ़ाने का फैसला किया गया है।
उन्होंने कहा कि मतगणना की तारीख के बाद सीएपीएफ की तैनाती से सम्बन्धित बाकी व्यवस्थाएं समान रहेंगी। इन 400 कम्पनियों में से 115 कम्पनियां केन्द्रीय रिजर्व पुलिस (सीआरपीएफ) की होंगी, 118 कम्पनियां सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की होंगी, 71 कम्पनियां केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की होंगी, 60 कम्पनियां सशस्त्र सीमा बल की होंगी और 36 कम्पनियां भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की होंगी।
उल्लेखनीय है कि 2021 के विधानसभा चुनावों के बाद पश्चिम बंगाल के अलग-अलग इलाकों में हिंसा भड़क उठी थी। तब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने स्थिति की समीक्षा करने के लिए पश्चिम बंगाल का दौरा किया था।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के बाद केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भी मामले की जांच शुरू की, जो अभी भी जारी है। दावा है कि 2021 के विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा के 60 कार्यकर्ताओं को मौत के घाट उतार दिया गया था।