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Electricity crisis : चंडीगढ़ में बिजली संकट, सेना ने संभाला मोर्चा, हर तरफ अंधेरा ही अंधेरा, प्रशासन का कड़ा रुख, लगाया एस्मा

Electricity crisis : चंडीगढ़ में बिजली संकट, सेना ने संभाला मोर्चा, हर तरफ अंधेरा ही अंधेरा, प्रशासन का कड़ा रुख, लगाया एस्मा

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Chandigarh के अधिकतर भागों में ब्लैकआउट की स्थिति पैदा हो गई है बिजली कर्मियों की हड़ताल की वजह से अंधेरा छा गया। बताया जा रहा है कि बिजली गुल होने से शहर के बड़े हिस्से में 36 घंटे से अधिक समय से बिजली और पानी नहीं है। सोमवार शाम से हजारों घरों में बिजली-पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है। शहर के कई इलाकों में ट्रैफिक लाइटें काम नहीं कर रही हैं। सरकारी अस्पतालों ने सर्जरी को फिलहाल टाल दिया है। चंडीगढ़ में बिजली आपूर्ति को बहाल करने के लिए आखिरकार चंडीगढ़ प्रशासन सेना की मदद लेनी पड़ी। हड़ताल पर गए कर्मचारियों पर प्रशासन ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए उन पर एस्मा लगा दिया है। प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल ने बिजली बहाल करने के लिए चंडीमंदिर स्थित पश्चिमी कमान के मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस (एमईएस) की मदद लेने का फैसला किया है। इसके अलावा पंजाब-हरियाणा के साथ अब हिमाचल प्रदेश से भी मदद मांगी जा रही है। एमईएस भारत में सबसे पुरानी व सबसे बड़ी सरकारी रक्षा बुनियादी ढांचा विकास एजेंसियों में से एक है। यह मुख्य रूप से भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना, भारतीय नौसेना, भारतीय आयुर्विज्ञान कारखानों, डीआरडीओ और भारतीय तट रक्षक सहित भारतीय सशस्त्र बलों के लिए इंजीनियरिंग और निर्माण कार्यों का प्रबंधन करती है।

कमेटी ने एस्मा लगाए जाने का किया विरोध

ज्वाइंट एक्शन कमेटी व को-आर्डिनेशन कमेटी ने प्रशासन द्वारा एस्मा लगाए जाने का विरोध किया है। दोनों कमेटियों ने कहा कि हड़ताली कर्मचारियों पर एस्मा लगाने के चंडीगढ़ प्रशासन की हम निंदा करते हैं। कमेटी के संयोजक अश्वनी कुमार और को-आर्डिनेशन कमेटी के महासचिव राकेश कुमार और प्रधान सतिंदिर सिंह ने कहा कि बिजली कर्मचारी मुनाफे पर चल रहे विभाग को निजी हाथों में बेचने का विरोध कर रहे हैं। निजीकरण रोका जाना चाहिए। एस्मा को वापस लिया जाए।

नेताओं ने मोबाइल स्विच ऑफ किए

एस्मा लगाने जाने के बाद कई कर्मचारी नेताओं के फोन बंद हो गए। जानकारी के अनुसार, सभी कर्मचारी नेता गुप्त स्थानों पर चले गए हैं। सूत्र यह भी बताते हैं कि नेता गुप्त तरीके से अपने लोगों से बात कर रणनीति बनाने में जुटे हैं। जानकारी के अनुसार कर्मचारी नेताओं को पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है।

पुलिस थाने अंधेरे में, ट्रैफिक लाइट प्वाइंट बंद

बिजली बंद होने से शहर के ज्यादातर ट्रैफिक लाइट प्वाइंट बंद पड़े रहे। हालांकि, इन लाइट प्वाइंट पर ट्रैफिक पुलिसकर्मी तैनात रहे। पुलिसकर्मियों ने सुबह से शाम तक चौराहों और लाइट प्वाइंट पर खड़े होकर वाहनों को निकलवाया। इससे लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं हुई। वहीं, सेक्टर-17 में हड़ताल के दौरान पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम रहे। उधर, शहर के कई पुलिस थानों में बिजली न होने से कई घंटे तक कंप्यूटर बंद रहे। वहीं, कुछ थानों में बैटरी बैकअप होने के कारण काम प्रभावित नहीं हुआ।

100 पुलिसकर्मी तैनात

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हड़ताल के दौरान लगभग 100 पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। इसके अलावा बिजली शिकायत केंद्रों के बाहर भी पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे, ताकि किसी तरह का कोई हंगामा न हो। सेक्टर-9 स्थित पुलिस मुख्यालय में बिजली रही, जबकि शहर के कई थानों में लाइट नहीं थी।

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