Madhya Pradesh (मध्य प्रदेश) के जबलपुर स्थित मेथोडिस्ट चर्च इन इंडिया के पदाधिकारियों के खिलाफ ईओडब्ल्यू में धोखाधड़ी की एफआइआर दर्ज की गई है। चर्च पदाधिकारियों को 22 एकड़ भूमि का कालोनाइजर लाइसेंस दिया गया था, जिसमें से ईडब्ल्यूएस के लिए आरक्षित 2.23 एकड़ भूमि को मुक्त कराने के लिए 28 लाख रुपये से ज्यादा की चपत शासन को लगाई गई।
आश्रय शुल्क हड़पने की शिकायत
ईओडब्ल्यू एसपी देवेंद्र सिंह राजपूत ने बताया कि मेथोडिस्ट चर्च इन इंडिया के तत्कालीन एग्जीक्यूटिव सेक्रेटरी विनय पीटर, तत्कालीन डिस्ट्रिक सुपरिंटेंडेंट रवि थेडोर, ले-लीडर जीपी काेरनी ल्यूस समेत अन्य पदाधिकारियों के खिलाफ कालोनाइजर लाइसेंस के विरुद्ध लाखों रुपये का आश्रय शुल्क हड़पने की शिकायत की गई थी। उक्त पदाधिकारियों को 22 एकड़ जमीन पर कालोनाइजर लाइसेंस दिया गया था।
आरक्षित की गई थी 15 फीसदी जमीन
लाइसेंस की शर्तों के आधार पर 15 फीसद यानी 2.23 एकड़ भूमि ईडब्ल्यूएस के लिए आरक्षित की गई थी, जिसे मुक्त कराने के लिए चर्च पदाधिकारियों को 46 लाख 75 हजार 10 रुपये आश्रय शुल्क जमा करना था, परंतु कालोनाइजर ने सिर्फ 18 लाख 60 हजार रुपये जमा किए। शेष 28 लाख 15 हजार 10 रुपये नगर निगम में जमा किए बगैर कालोनाइजर द्वारा आरक्षित भूमि का विकास करा लिया गया, जिससे शासन को 28 लाख रुपये से ज्यादा की हानि हुई। उक्त रकम में ब्याज की राशि शामिल नहीं है।
शासन को पहुंचाई लाखों की क्षति
शिकायत की जांच के उपरांत यह प्रमाण सामने आया कि कालोनाइजर ने आपराधिक षडयंत्र रचते हुए धोखाधड़ी कर शासन को लाखों की क्षति पहुंचाई है। निरीक्षक स्वर्णजीत सिंह धामी की जांच रिपोर्ट के बाद विनय, रवि, जीपी कोरनी समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई।