New Delhi news : पूर्व विदेश मंत्री के. नटवर सिंह का शनिवार देर रात निधन हो गया। 95 वर्षीय नटवर सिंह गुरुग्राम के एक अस्पताल में भर्ती थे। कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में शामिल रहे नटवर सिंह ने मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए-वन सरकार के दौरान 2004-05 के दौरान विदेश मंत्री का कार्यभार सम्भाला। हालांकि, 2005 में ‘इराकी तेल के बदले अनाज’ घोटाले के बाद उन्हें सरकार से इस्तीफा देना पड़ा। राजस्थान के भरतपुर में 1931 में जन्मे नटवर सिंह एक समय गांधी परिवार के करीबी माने जाते थे। लेकिन, 2008 में उन्होंने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया।
नटवर सिंह ने पाकिस्तान में राजदूत के रूप में काम किया था और 1966 से 1971 तक तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यालय से जुड़े रहे थे। उन्हें 1984 में पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया। उन्होंने आत्मकथा ‘वन लाइफ इज नॉट इनफ‘ सहित कई किताबें लिखीं, जो राजनीतिक हलकों में काफी चर्चित हुई।
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने जताया शोक
राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति व प्रधानमंत्री ने दुख जताया
पूर्व विदेश मंत्री के. नटवर सिंह के निधन पर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने शोक व्यक्त किया है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने शोक संदेश में कहा कि अपने लम्बे करियर में उन्होंने कई भूमिकाएं निभायीं, एक प्रतिष्ठित राजनयिक से लेकर एक उत्कृष्ट सांसद तक। पद्म भूषण से सम्मानित, वह एक प्रसिद्ध साहित्यकार भी थे। वह उनके परिवार, मित्रों और प्रशंसकों के प्रति हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त करती हैं। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दुख जताते हुए कहा कि नटवर सिंह के निधन से उन्हें गहरा दुख हुआ है।
वह विपुल लेखक और प्रतिष्ठित इतिहासकार भी थे
उन्होंने विदेश मंत्री सहित विभिन्न पदों पर रहते हुए देश की सेवा की। वह एक विपुल लेखक और प्रतिष्ठित इतिहासकार थे। उन्होंने हमेशा जीने और योगदान देने का उत्साह दिखाया। हमारे साहित्य जगत और सार्वजनिक जीवन में नटवर सिंह के अद्वितीय योगदान को हमेशा याद रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि वह इस गहरे दुख की घड़ी में हेमिंदर कौर, उनके पुत्र जगत सिंह और अन्य पारिवारिक सदस्यों तथा उनके मित्रों एवं प्रशंसकों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कूटनीति और विदेश नीति की दुनिया में उनके समृद्ध योगदान को याद किया, जो अपनी बुद्धिमत्ता एवं बेहतरीन लेखन के लिए भी जाने जाते थे। मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा कि वह नटवर सिंह के निधन से दुखी हैं। उन्होंने कूटनीति और विदेश नीति की दुनिया में समृद्ध योगदान दिया। वह अपनी बुद्धिमत्ता के साथ-साथ बेहतरीन लेखन के लिए भी जाने जाते थे।