Grand achievement of India. भारत की शानदार उपलब्धि। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) ने 14 February की सुबह 5.59 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले लॉन्च पैड से ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान पीएसएलवी-सी 52 का प्रक्षेपण किया। यह सूचना न्यूज़ एजेंसी ए एन आई ने अपने ट्विटर हैंडल पर सुबह 6:20 बजे पोस्ट की है।
क्लीन सेटेलाइट को किया गया लॉन्च
PSLV-C52 ने मिशन तीन उपग्रहों को लॉन्च किया। यह साल 2022 के भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का पहला अभियान है। पीएसएलवी-सी 52 के जरिये धरती पर नजर रखने वाले उपग्रह ईओएस-04 को कक्षा में भेजने के लिए 25 घंटे की गिनती रविवार सुबह से ही शुरू हो गई थी। इसका प्रक्षेपण आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले लॉन्च पैड से सोमवार को सुबह 05:59 बजे हुआ।
रडार इमेजिंग सेटेलाइट
ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) अपने साथ दो छोटे उपग्रहों को भी ले जएगा। ईओएस-04 एक ‘रडार इमेजिंग सैटेलाइट’ है जिसे कृषि, वानिकी और वृक्षारोपण, मिट्टी की नमी और जल विज्ञान तथा बाढ़ मानचित्रण जैसे अनुप्रयोगों एवं सभी मौसम स्थितियों में उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीरें प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है। पीएसएलवी अपने साथ में दो छोटे उपग्रहों को भी ले जा रहा है, जिनमें कोलोराडो विश्वविद्यालय, बोल्डर की वायुमंडलीय और अंतरिक्ष भौतिकी प्रयोगशाला के सहयोग से तैयार किया गया भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईएसटी) का उपग्रह इन्सपायरसैट-1 भी शामिल है।
इस मिशन में सिंगापुर और ताइवान का भी रहा योगदान
इसमें एनटीयू, सिंगापुर और एनसीयू, ताइवान का भी योगदान रहा है. इस उपग्रह का उद्देश्य आयनमंडल के गति विज्ञान और सूर्य की कोरोनल ऊष्मीय प्रक्रियाओं की समझ में सुधार करना है। दूसरा उपग्रह इसरो का एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शक उपग्रह (आईएनएस-2टीडी) है। इसके उपकरण के रूप में एक थर्मल इमेजिंग कैमरा होने से उपग्रह भूमि की सतह के तापमान, आर्द्रभूमि या झीलों के पानी की सतह के तापमान, वनस्पतियों (फसलों और जंगल) और तापीय जड़त्व (दिन और रात) के आकलन में सहायता प्रदान करेगा। यह पीएसएलवी की 54वीं उड़ान होगी और 6 पीएसओएम-एक्सएल (स्ट्रैप-ऑन मोटर्स) के साथ ‘पीएसएलवी-एक्सएल कॉन्फिगरेशन’ का उपयोग करते हुए 23वां मिशन होगा।