बिहार में सारण जिले के दरियापुर स्वास्थ्य केंद्र में एक बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। यहां ननद की नसबंदी कराने के लिए भाभी स्वास्थ्य केंद्र लेकर आई थी। लेकिन यहां के डॉक्टरों में ननद की जगह भाभी की ही नसबंदी कर दी। इस लापरवाही के बाद पीड़ित महिला के पति ने लापरवाही का आरोप लगा स्वास्थ्य विभाग से पांच लाख का मुआवजा मांगा है।
जांच के लिए सिविल सर्जन ने गठित की कमेटी
इस मामले में सिविल सर्जन ने तीन स्वास्थ्यकर्मियों से जवाब तलब किया है। इसकी जांच के लिए कमेटी भी गठित की गई है। सिविल सर्जन डा. सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि बबीता देवी नामक महिला के पति की शिकायत मिली है। प्रारंभिक जांच में महिला द्वारा आपरेशन के लिए सहमति देने की बात सामने आई है। स्वजन की सहमति भी लेनी चाहिए थी। लिहाजा आशा कार्यकर्ता और संबंधित स्वास्थ्यकर्मियों से जवाब तलब किया गया है। उन्होंने कहा कि महिला के तीन बच्चे हैं। वह नसबंदी की इच्छुक थी। उसने नसबंदी फार्म पर हस्ताक्षर भी किया है, जो विभाग के पास है। जबकि, स्वजन का आरोप है कि उनसे सहमति लिए बिना महिला की नसबंदी कर दी गई। सिविल सर्जन ने बताया कि मामले की जानकारी जिलाधिकारी को भी दी गई है।