Categories


MENU

We Are Social,
Connect With Us:

☀️
Error
Location unavailable
🗓️ Mon, Apr 7, 2025 🕒 1:45 AM

बिलकिस बानो केस में दोषियों की रिहाई पर गुजरात सरकार के हलफनामे से सुप्रीम कोर्ट नाराज, जानिए क्या कहा…

बिलकिस बानो केस में दोषियों की रिहाई पर गुजरात सरकार के हलफनामे से सुप्रीम कोर्ट नाराज, जानिए क्या कहा…

Share this:

 Gujarat News, Bilkis Bano, Gang-rape Case, Accused released, Affidavit, Supreme court : बिलकिस बानो गैंगरेप के 11 दोषियों की रिहाई को लेकर गुजरात सरकार ने 17 October को जवाब दिया है, लेकिन कोर्ट इससे नाराज नजर आया। सुनवाई कर रही बेंच ने कहा है कि यह जवाब बड़ा भारीभरकम है और इसमें तथ्यों की कमी है। कोर्ट ने कहा कि इस हलफनामे में अदालती फैसलों को भर दिया गया, लेकिन तथ्य छोड़ दिए गए। गौरतलब है कि इस मामले में बॉम्बे की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने 11 आरोपियों को दोषी ठहराया था और उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसके बाद बॉम्बे हाई कोर्ट ने भी इस फैसले को बरकरार रखा था। पिछले 14 साल से ये दोषी गोधरा उपजेल में बंद थे।

याचिकाकर्ताओं को 29 नवंबर तक देना है जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को गुजरात सरकार के हलफनामे पर जवाब देने के लिए 29 नवंबर तक का वक्त दिया है। बता दें कि गुजरात सरकार ने इस बार 15 अगस्त पर गुजरात दंगों के समय बिलकिस बानो गैंगरेप और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के दोषियों को रिहा कर दिया था। इसके बाद तीन याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में सरकार के इस फैसले के खिलाफ अर्जी दी।

तथ्यात्मक बातों को नहीं मिली जगह

जस्टिस अजय रस्तोगी की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा, इस हलफनामे में केवल लाइन से कोर्ट के फैसलों के बारे में बताया गया है। तथ्यात्मक बातों को जगह मिलनी चाहिए थी। यह बड़ा भारीभरकम जवाब है। इसमें दिमाग का इस्तेमाल कहां किया गया है? जस्टिस सीटी रविकुमार वाली बेंच ने कहा है कि गुजरात सरकार ने जो जवाब दिया है, उसकी प्रति सभी पक्षों को दी जाएगी। बता दें कि सीनियर सीपीआईएम नेता सुबाषिनी अली के अलावा दो अन्य महिला याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल फाइल की थी। याचिकाकर्ताओं की तरफ से सीनियर वकील कपिल सिब्बल पेश हुए थे। जस्टिस रस्तोगी ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा इसमें केवल फैसलों का जिक्र किया गया है। उन्होंने भी बेंच से सहमति जताते हुए कहा कि इसे छोड़ा जा सकता था। ये जजमेंट केवल रेफरेंस देने के लिए इस्तेमाल किए गए थे।

Share this:

Latest Updates