ज्ञानवापी मस्जिद का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। देश की सबसे बड़ी अदालत में वाराणसी कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई है, जिसमें कोर्ट ने आयुक्त को ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वेक्षण करने की अनुमति दी है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमना ने कहा है कि वे मामले को देखेंगे। न्यूज़ एजेंसी ANI ने 13 मई को अपने ट्विटर हैंडल पर पूर्वाह्न 10:51 बजे यह सूचना पोस्ट की है।
सीजेआई नेमाने याचिका के दस्तावेज
आपको बता दें, अंजुमन ए इंतेजामिया मस्जिद वाराणसी की प्रबंधन समिति ने वाराणसी कोर्ट की ओर से आदेशित काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। सीनियर एडवोकेट हुजेफा अहमदी ने कहा है कि हमें तत्काल सुनवाई की जरूरत है,क्योंकि सर्वेक्षण का आदेश दिया गया है। उधर, CJI ने याचिका के दस्तावेज मांगे हैं और कहा है कि हम कागजात देखने के बाद मामले को देखेंगे।
वाराणसी कोर्ट ने 17 मई से पहले सर्वे का काम पूरा करने का दिया है आदेश
गौरतलब है कि 12 मई को वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया था। कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के लिए नियुक्त किए गए एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा को हटाए जाने से इनकार कर दिया था। हालांकि, कोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर के साथ दो और वकील को सर्वे कमेटी में शामिल किया है। साथ ही कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे 17 मई से पहले कराने का आदेश दिया है। कोर्ट ने 17 मई को सर्वे की अगली रिपोर्ट देने के लिए कहा है।