Karnataka High Court में हिजाब विवाद पर नियमित रूप से हियरिंग चल रही है। 23 फरवरी को भी इस मुद्दे पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी ने कहा कि ‘हम यह स्पष्ट कर रहे हैं कि चाहे वह डिग्री या स्नातक कॉलेज हो, जहां वर्दी निर्धारित है, वहां उसका पालन किया जाना चाहिए।’ 24 फरवरी को भी इस मामले की सुनवाई होगी। गौरतलब है कि अदालत ने 10 फरवरी को अपने अंतरिम आदेश में कहा था कि वह धर्म की परवाह किए बिना स्टूडेंट्स को भगवा शॉल या हिजाब पहनने से रोक रही है।
कोर्ट का अंतरिम आदेश छात्रों के लिए है, शिक्षकों के लिए नहीं
मुख्य न्यायाधीश अवस्थी ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों में किसी भी धार्मिक परिधान की अनुमति नहीं देने का अदालत का अंतरिम प्रस्ताव केवल छात्रों पर लागू होता है। उन्होंने कहा कि स्टूडेंट्स को ड्रेस कोड का पालन करना चाहिए, जहां यह निर्धारित किया गया है। कोर्ट ने शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों को जबरन स्कार्फ हटाने के लिए मजबूर किए जाने से संबंधित दलीलें भी सुनीं। याचिकाकर्ता छात्र का प्रतिनिधित्व करने वाले एक वकील मोहम्मद ताहिर ने कहा कि शिक्षकों को भी गेट पर रोका जा रहा है। इस पर प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि कोर्ट का आदेश सिर्फ स्टूडेंट्स के लिए है। यह शिक्षकों के लिए नहीं है।