भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि भारत और चीन के संबंध सबसे कठिन दौर से गुजर रहे हैं। इसका प्रमुख कारण चीन का सीमा पर बड़ी संख्या में किया गया सैन्य जमावड़ा है। यह दोनों देशों के बीच हुए समझौते का उल्लंघन है। म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन (एमएलली)-2022 के पैनल डिस्कशन में विदेश मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सीमा पर स्थिति संबंधों की स्थिति निर्धारित करती है। उन्होंने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर भारत और चीन के बीच गतिरोध बना हुआ है।
अब परिस्थितियां बदल गई हैं
एक प्रश्न के उत्तर में विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और चीन के बीच सीमा पर 45 साल तक लगातार शांति बनी रही। 1975 के बाद से सीमा पर कोई भी हताहत नहीं हुआ है। यह स्थिति अब बदल गई है, क्योंकि चीन ने दोनों देशों के बीच हुए उस समझौते का उल्लंघन किया है, जिसमें यह निश्चित किया गया था कि सीमा पर सैन्य तैनाती नहीं होगी। उन्होंने कहा कि दो देशों के बीच चल रहे तनाव का असर किसी न किसी रूप में पूरी दुनिया पर पड़ता है। भारत हमेशा से शांति का पक्षधर रहा है। लेकिन वह अपनी संप्रभुता के खतरे को कभी भी बर्दाश्त नहीं करेगा। हम पड़ोसी देश के हर कार्रवाई का जवाब देने में पूरी तरह से सक्षम है।