India will remain a permanent member of the United Nations, Jaishankar said, we will just have to pay attention to these things, Breaking news, National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को स्थायी सदस्यता मिलने को लेकर कहां की यह तो मिलनी ही है। लेकिन हमें इसे लेकर निरंतर प्रयास करते रहना होगा। विदेश मंत्री जयशंकर ने पिछले दिनों बुद्धिजीवियों को संबोधित करते हुए कहा कि विश्व शांति निकाय में प्रतिष्ठित स्थान हासिल करने के लिए भारत सही रास्ते पर जा रहा है। हमारी मेहनत और हमारी विश्व कल्याण की नीतियां हमें वहां खुद पहुंचा देगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में रूस, चीन, फ्रांस, संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य हैं। जयशंकर ने कहा कि अब तो अंतरराष्ट्रीय गति स्थायी सीट के लिए भारत की दावेदारी के पक्ष में साफ दिख रही है। भारत के वर्तमान नीति भी स्पष्ट है। यह बात पूरा संसार जानता है। हमारी नीतियां किसी देश को देखकर नहीं बदलती। हिंसा, आतंकवाद अगर गलत है तो भारत उसका विरोध करेगा ही, चाहे वह कोई भी देश क्यों ना हो। ना हम किस देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करते हैं और ना हम अपने देश में किसी देश का हस्तक्षेप बर्दाश्त करेंगे। भारत की इस नीति से पूरा विश्व परिचय है। दुनिया भी चाहती है कि भारत अपने रुख से टच से मस नहीं होने वाला है। आगे भी हमें इन नीतियों पर कायम रहना होगा। इन्हीं कारणों से भारत की धाक पूरी दुनिया में बढ़ रही है।
कुछ देश सामने कुछ कहते हैं और पीछे कुछ और
संयुक्त राष्ट्र का गठन लगभग 80 साल पहले हुआ था, और इन पांच देशों ने आपस में इसकी सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि आज लगभग 193 देशों के साथ विकसित हो रहे वैश्विक परिदृश्य को रेखांकित करते हुए महज पांच देशों ने स्थायी सदस्यता हासिल की है। लेकिन संयुक्त राष्ट्र संघ पर इन पांच देशों ने अपना नियंत्रण बनाए रखा है। यह अजीब बात है कि आपको उनसे हमें बदलाव के लिए अपनी सहमति देने के लिए कहना पड़ रहा है। जयशंकर ने कहा कि कुछ सहमत हैं, कुछ अन्य ईमानदारी से अपना पक्ष रखते हैं, जबकि अन्य कुछ देश पीछे से कुछ करते हैं और सामने कुछ और।
संयुक्त राष्ट्र संघ में बदलाव होना चाहिए
विदेश मंत्री जयशंकर ने इस दौरान भारत, जापान, जर्मनी और मिस्र से जुड़े सहयोगात्मक प्रस्तावों के बारे में बात की, जो प्रगति का संकेत देते हुए संयुक्त राष्ट्र को प्रस्तुत किए गए हैं। परंतु अब दुनिया भर में यह भावना है कि संयुक्त राष्ट्र संघ में बदलाव होना चाहिए और भारत को स्थायी सीट मिलनी चाहिए। मैं इस भावना को विश्व पटल पर बदलते समय के साथ बढ़ते हुए देखता हूं। हम आने वाले समय मेंनिश्चित रूप से संयुक्त राष्ट्र संघ की सदस्यता प्राप्त करेंगे। लेकिन बिना मेहनत के कुछ भी बड़ा हासिल नहीं होता।