Jaipur news, Rajasthan news, Rajasthan chief minister Ashok Gahlot, Rajasthan High court : न्यायपालिका में भ्रष्टाचार को लेकर बयानबाजी करने के मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान हाई कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया है। इसे रिकॉर्ड पर लेते हुए अदालत ने मामले की सुनवाई सात नवंबर को तय की है। मुख्य न्यायाधीश एजी मसीह और जस्टिस एमएम श्रीवास्तव की खंडपीठ ने यह आदेश पूर्व न्यायिक अधिकारी शिवचरण गुप्ता की जनहित याचिका पर दिए।
सीएम की ओर से अधिवक्ता प्रतीक कासलीवाल ने जवाब पेश कर कहा कि कई पूर्व न्यायाधीशों ने कई बार न्यायपालिका में भ्रष्टाचार की बात कही है और उन्होंने भी इस आधार पर ही यह बात कही थी। यह उनके स्वयं के विचार नहीं है। वह न्यायपालिका के प्रति पूरा सम्मान रखते हैं। इसके बावजूद उनके बयान से न्यायपालिका को ठेस पहुंची तो वे इसके लिए बिना शर्त माफी मांगते हैं।
न्यायपालिका पर की थी आपत्तिजनक टिप्पणी
जनहित याचिका में मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा गया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने न्यायपालिका के खिलाफ बयानबाजी की है। सीएम गहलोत ने न्यायपालिका में गंभीर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने सुना है कि कोर्ट के फैसले तक वकील लिखते हैं और वे जो लिखकर लाते हैं, वहीं फैसला आता है। चाहे निचली न्यायपालिका हो या उच्च, हालात गंभीर हैं। देशवासियों को इस संबंध में सोचना चाहिए। जनहित याचिका में कहा गया कि मुख्यमंत्री का यह बयान न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला और प्रतिष्ठा को गिराने वाला है। याचिका में कहा गया है कि गहलोत ने न सिर्फ न्यायिक अधिकारियों बल्कि वकीलों की प्रतिष्ठा को नीचा दिखाने वाला बयान दिया है। याचिका में गुहार की गई है कि जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए स्वप्रेरणा से अदालती अवमानना को लेकर सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई अमल में लाई जाए।