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Knowledge For You : म्यूचुअल फंड से भी आप ले सकते हैं Loan, जानिए ब्याज दर, प्रोसेस और एलिजिबिलिटी

Knowledge For You : म्यूचुअल फंड से भी आप ले सकते हैं Loan, जानिए ब्याज दर, प्रोसेस और एलिजिबिलिटी

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Loan Against Mutual fund, Know Eligibility, Process & Interest Rate : हम जानते हैं कि ज्यादातर म्यूचुअल फंड निवेशक निवेश करते समय मिड से लॉन्ग टर्म के लक्ष्य सेट करते हैं। म्यूचुअल फंड में निवेश से निवेशकों को एक अनुमानित समय में थोड़ा-थोड़ा निवेश करके अच्छा फंड तैयार करने की सुविधा मिलती है। म्यूचुअल फंड का रिटर्न फिक्स रिटर्न वाले ऑप्शनों के मुकाबले अधिक हो सकता है। अकसर लोग जरूरत के समय शॉर्ट टर्म में ही म्यूचुअल फंड यूनिट्स बेच कर पैसा निकाल लेते हैं। इससे बेहतर तरीका है म्यूचुअल फंड यूनिट के बदले लोन लेना। इस मामले में निवेश को प्रीसर्व्ड रखा जाता है। अब जानते हैं म्यूचुअल फंड के बदले लोन का प्रोसेस और एलिजिबिलिटी क्या है।

यह है एलिजिबिलिटी

इंडिविजुअल इंवेस्टर्स, अनिवासी भारतीयों, बिजनेसों, हिंदू यूनाइटेड फैमिली (एचयूएफ), ट्रस्टों, कॉर्पोरेशंस और अन्य इंस्टिट्यूशंस के लिए म्यूचुअल फंड एसेट्स पर लोन उपलब्ध होता है। नाबालिगों को लोन नहीं मिल सकता। बैंक/फाइनेंसिंग इंस्टिट्यूशंस आवेदक के क्रेडिट स्कोर सहित कई मानदंडों के आधार पर लोन राशि, लोन अवधि और ब्याज दर तय करते हैं। बेहतर क्रेडिट स्कोर आपको कम ब्याज दर पर लोन हासिल करने में मदद कर सकता है।

कितना मिलेगा लोन

इक्विटी म्यूचुअल फंड के मामले में नेट एसेट वैल्यू के 50 फीसदी तक का लोन मिलता है। फिक्स्ड इनकम म्यूचुअल फंड्स के लिए नेट एसेट वैल्यू का 70-80 फीसदी लोन उपलब्ध होता है।

ऐसे होता है प्रोसेस

निवेशक एक फाइनेंसिंग ऑर्गेनाइजेशन या बैंक से संपर्क कर सकता है और म्यूचुअल फंड पर लोन मांग सकता है। कई फाइनेंस बिजनेस ऑनलाइन आवेदन भी लेते हैं जो पूरे प्रोसेस को आसान बनाते हैं और तेजी से लोन पास करते हैं। म्यूचुअल फंड रजिस्ट्रार के रिकॉर्ड का उपयोग करके यूनिट ग्रहणाधिकारों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से मार्क किया जाता है।
म्यूचुअल फंड पर लोन के मामले में म्यूचुअल फंड की यूनिट्स कोलेट्रोल का काम करती हैं। ऐसे में म्युचुअल फंड पर लोन की ब्याज दर पर्सनल लोन की तुलना में कम होती है। इतना ही नहीं प्रोसेसिंग फीस या फौजदारी लागत कम या माफ कर दी जाती है।

जरूर जानिए ये महत्वपूर्ण बातें

यदि लोन का एक हिस्सा वापस किया जाता है, तो म्यूचुअल फंड इकाइयों को आप उसी अनुपात में आप फिर से हासिल कर सकते हैं।

म्यूचुअल फंड निवेशों पर डिविडेंड और वृद्धि जारी रहती है – पर जो यूनिट्स आप बैंक/वित्तीय संस्थान के पास लोन के लिए जमा कर देते हैं, उन्हें आप रिडीम यानी बेच नहीं सकते

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