Uttar Pradesh (उत्तर प्रदेश) में लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी केंद्रीय मंत्री पुत्र आशीष मिश्रा की बेल को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 18 अप्रैल को फैसला सुनाएगा। कोर्ट ने बीते सप्ताह मामले में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। मिश्रा को इलाहबाद हाई कोर्ट ने 10 फरवरी को जमानत दे दी थी। उच्च न्यायालय के इस फैसले के बाद खासा सियासी तनाव खड़ा हुआ था।
सीजेआई ने सुनी थी दोनों पक्षों की दलीलें
केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष की जमानत पर शीर्ष अदालत अहम फैसला सुनाएगी। बीते सप्ताह भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनी थी। उत्तर प्रदेश सरकार ने कोर्ट को बताया था कि ‘कथित आरोप गंभीर हैं’, लेकिन आरोपी के ‘भागने का जोखिम नहीं है।’ राज्य सरकार ने गवाह को सुरक्षा देने का भी वादा किया था। राज्य के इस दावे पर याचिकाकर्ता के वकीलों ने सवाल उठाए थे।
10 फरवरी को उच्च न्यायालय से आशीष को मिली जमानत का पीड़ितों के परिवार, सामाजिक कार्यकर्ता ने विरोध किया था। आरोप लगाए गए थे कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी उसे बचा रही है। आशीष की याचिका को जगजीत सिंह, पवन कश्यप और सुखविंदर सिंह ने चुनौती दी थी।
दवा पर हुआ था हमला
याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए वकील प्रशांत भूषण ने कहा था कि आशीष को जमानत मिलने के कुछ दिन बाद ही ‘सुरक्षित’ गवाह पर हमला हुआ था। इससे पहले यूपी सरकार ने कोर्ट को बताया था कि गवाहों और उनके परिवार की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। साथ ही यह भी बताया गया था कि पुलिस लगातार उनके संपर्क में है।