Home
National
International
Jharkhand/Bihar
Health
Career
Entertainment
Sports Samrat
Business
Special
Bright Side
Lifestyle
Literature
Spirituality

ममता बनर्जी ने फिर की रामनवमी रोकने की कोशिश, इस बार घुटने पर लायेंगे : प्रधानमंत्री मोदी

ममता बनर्जी ने फिर की रामनवमी रोकने की कोशिश, इस बार घुटने पर लायेंगे : प्रधानमंत्री मोदी

Share this:

Mamata Banerjee again tried to stop Ram Navami, this time she will bring it to her knees: Prime Minister Modi, Kolkata news, West Bengal news : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को बालूरघाट में एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि हर साल की तरह इस साल भी ममता बनर्जी की सरकार ने हिन्दुओं के त्योहार रामनवमी को रोकने की कोशिश की। पीएम ने कहा “कोर्ट से अनुमति मिली। कल पूरी श्रद्धा-भक्ति से रामनवमी की शोभायात्राएं निकलेंगी। मैं बंगाल के भाई-बहनों को बधाई देता हूं।”

उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल ने बंगाल को अवैध घुसपैठियों को लीज पर दे दिया है। वह कानूनी शरणार्थियों का विरोध करती हैं और नहीं चाहती हैं कि देश में वैध लोग बसें। ऐसे में तृणमूल सीएए का भी विरोध करती है और अवैध घुसपैठियों को बसाती है।

मनरेगा का पैसा तृणमूल ने रोका है

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह पहली रामनवमी है, जब अयोध्या के भव्य मंदिर में रामलला विराजमान हो चुके हैं। मुझे पता है कि तृणमूल ने हमेशा की तरह यहां रामनवमी उत्सव रोकने की पूरी कोशिश की और सारे षड्यंत्र रचे, लेकिन जीत सत्य की ही होती है। प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि मनरेगा का पैसा तृणमूल ने रोका है, जबकि भाजपा ने बंगाल के विकास के लिए हरसंभव प्रयास किया। आप सभी के सपने को पूरा करना ही मोदी का संकल्प है और आपके सपनों को पूरा करना ही मोदी का काम है। उन्होंने कहा कि जल्द ही तृणमूल की दुकान बंद होनेवाली है। तृणमूल ने बंगाल के विकास को रोका है। यहां के आदिवासी समाज के त्याग और बलिदान का देश पर बड़ा कर्ज है। आज भाजपा यहां आदिवासियों और दलितों के सम्मान के लिए लड़ रही है।

भाजपा ने देश को पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति दी

मोदी ने दावा किया कि भाजपा ने ही देश को पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति दी है। तृणमूल जैसी पार्टी दलित और आदिवासी महिलाओं को बंधक बना कर रखना चाहती है। यह चुनाव इन्हें बतायेगा कि दलित, वंचित और आदिवासी तृणमूल के गुलाम नहीं हैं और न रहेंगे। आदिवासी महिलाओं को घुटनों पर बिठानेवाली तृणमूल जल्द घुटनों पर आ जायेगी। यह चुनाव इन्हें बतायेगा कि बाबा साहेब भीमराव अम्बेदकर के लोकतंत्र में दलित, वंचित और आदिवासी टीएमसी के गुलाम नहीं हैं।

Share this: