Kolkata news, West Bengal, amazing : पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में एक चमत्कारिक घटना हुई है। यहां एक महिला पिछले 11 साल से कोमा में थी, लेकिन वह अब कामा से बाहर आ चुकी है। इस घटना को लोग चमत्कार मान रहे हैं। बता दें कि जिस महिला के साथ यह घटना हुई है वह गुजरात के गोधरा जिले के पंचमहल की निवासी है। पुलिस के मुताबिक महिला गोधरा के सुदूरवर्ती गांव भामैया में रहने वाले अपने परिवार से मिलने में कामयाब रहीं। इस महिला का नाम गीता बारिया है। उक्त महिला साल 2013 में अचानक गायब हो गईं थीं। महिला के परिवार ने उसकी वापसी की उम्मीद बिल्कुल ही खो दी थी। हालांकि बाद में महिला के परिवार वालों के पास कोलकाता के एक मेंटल हेल्थ इंस्टीच्यूट से फोन आया था। इंस्टिट्यूट से महिला के घर वालों को बताया गया था कि वह यहां कोमा की हालत में है। इस सूचना के बाद भी घर वालों को या विश्वास नहीं था कि वह फिर से जिंदा हो पाएगी। वैसे इस खबर से गीता के परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई है।
मानवीय आधार पर पुलिस ने की मदद
गीता बारिया को वापस भामैया लाने के लिए पंचमहल जिला पुलिस ने कोलकाता जाने में उसके पारिवारिक सदस्यों की मदद की। जहां उसके बच्चे और परिवार के बाकी लोग रहते हैं। इंस्पेक्टर प्रवीण अशोदा ने एक बताया कि उक्त महिला का परिवार एक पुलिस अधिकारी के साथ शुक्रवार को ट्रेन से कोलकाता पहुंच गया है। जिला प्रशासन ने मानवीय आधार पर उनकी यात्रा की व्यवस्था की। तमाम औपचारिकताएं पूरी होने के बाद गीता बारिया के पारिवारिक सदस्य उसे गांव लेकर जाएंगे।
गीता बारिया के गायब होने की कहानी
विगत 10 फरवरी को कोलकाता के पावलोव इंस्टीट्यूट का एक डॉक्टर पंचमहल जिला पुलिस नियंत्रण कक्ष में पहुंचा और उन्हें गीता के बारे में पूरी जानकारी दी। पुलिस की मदद से अस्पताल ने गांव व परिवार का सत्यापन किया। संपर्क स्थापित होने के बाद डॉक्टरों ने गीता और उसके परिवार के साथ एक वीडियो कॉल की व्यवस्था कराई। गीता 2013 में एक पारिवारिक शादी के दौरान गायब हो गई थी। पुलिस अब यह जानकारी इकट्ठा करने की कोशिश में जुटी है कि आखिर उक्त महिला कोलकाता कैसे पहुंची और उसका इस दौरान कैसा अनुभव रहा।
तीन बच्चों की मां हैं गीता
बताते चलें कि गीता के तीन बच्चे हैं। इनमें दो बेटे और एक बेटी शामिल हैं। गीता के गायब होने के 11 साल बाद बच्चों के जेहन में अपनी मां की धुंधली यादें अभी जिंदा हैं। खराब आर्थिक हालात के कारण गीता के बच्चे पूरी शिक्षा प्राप्त नहीं कर सके और स्कूल से बाहर हो गए। गीता के पति का कुछ साल पहले निधन हो गया था।