Madhya pradesh (मध्यप्रदेश) के छतरपुर में 27 फरवरी को कल्याण मंडप में बुंदेलखंड परिवार की ओर से सामूहिक विवाह का आयोजन हुआ था। इसमें एक साथ 11 जोड़ों की शादी होनी थी। 10 जोड़ों की तो शादी सामूहिक रूप से हो गई। एक जोड़े की साथ में नहीं हो सकी, क्योंकि दुल्हन तो मंडप में थी, लेकिन दूल्हा नहीं था।
सोशल साइंस की परीक्षा देकर लौटा दूल्हा तो शुरू हुई शादी की रस्म
जानकारी के अनुसार, 3 घंटे तक दुल्हन मंडप में इंतजार करती रही, क्योंकि आज ही दूल्हे का मैट्रिक का एग्जाम था। वह सोशल साइंस के पेपर की परीक्षा दे रहा था। परीक्षा देकर 3 घंटे के बाद जब दूल्हा लौटा तो दोनों की शादी हुई।
शादी से पहले परीक्षा जरूरी
दूल्हा रामजी सेन ने बताया कि उसने साल भर परीक्षा देने के लिए पढ़ाई की थी। उसे लगा कि शादी की अपेक्षा पहले परीक्षा जरूरी है। इसलिए पहले परीक्षा देने का फैसला किया। दुल्हन प्रीति सेन ने अपने होने वाले पति के इस व्यवहार की भूरी-भूरी प्रशंसा की और कहा कि पढ़ाई को लेकर ऐसी गंभीरता मुझे बहुत अच्छी लगी। अगर वह परीक्षा देने नहीं जाते तो उनका 1 साल खराब हो जाता।