विवेक अग्निहोत्री फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ इन दिनों सुर्खियों में बनी हुई है। इस फिल्म को लेकर प्रधानमंत्री से लेकर कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी अपनी राय जाहिर कर दी है। कोई इसके पक्ष में तो कोई इसके विरोध में लगातार बयान बाजी कर रहा है। इन विवादों के बीच फिल्म सुपर हिट होने की ओर अग्रसर है। फिल्म को जहां देशभर से तारीफें मिल रही हैं तो वहीं इसे लेकर खूब विवाद भी हो रहा है। 1990 में कश्मीरी पंडितों के साथ हुए अन्याय और अत्याचार की दास्तान सुनाती इस फिल्म को लेकर अब मध्य प्रदेश के एक IAS अफसर ने अपनी राय रखी है जिसे लेकर एक नये विवाद ने जन्म ले लिया है। मध्य प्रदेश में एडमिनिस्ट्रेटिव अफसर के पद पर पदस्थापित नियाज खान ने ट्विटर पर लिखा है कि इस फिल्म के प्रोड्यूसर्स को देश में हुई मुसलमानों की हत्याओं पर भी एक फिल्म जरूर बनानी चाहिए।
मुसलमान कीड़े-मकौड़े नहीं हैं
‘द कश्मीर फाइल्स’ में कश्मीरी ब्राह्मणों पर हुए अत्याचारों को दिखाया गया है। आईएएस नियाज खान ने कहा कि कश्मीरी पंडितों को कश्मीर में पूरे सम्मान के साथ जीने का अधिकार मिलना चाहिए। वहीं दूसरी ओर नियाज खान ने कहां की देश का मुसलमान कोई कीड़ा- मकौड़ा नहीं है। वह भी इंसान है और इस देश का नागरिक है। इसलिए इस समुदाय पर भी अत्याचार नहीं होना चाहिए। सब को जीने का हक मिलना चाहिए।
मुस्लिमों की हत्या पर फिल्म बनाना चाहते हैं खान
इससे पहले नियाज ने कश्मीर फाइल्स को लेकर लिखा था कि वह अलग-अलग मौकों पर हुई मुसलमानों की हत्या को लेकर एक फिल्म बनाना चाहते हैं, ताकि कश्मीर फाइल्स जैसी एक फिल्म किसी प्रोड्यूसर के द्वारा बनाई जा सके। इससे अल्पसंख्यकों का दर्द और उनकी तकलीफ को भी दुनिया के सामने होगा।
पीडब्ल्यूडी में डिप्टी सेक्रेटरी हैं नियाज खान
मध्य प्रदेश के पीडब्ल्यूडी विभाग में नियाज अभी डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर हैं। वह कई किताबें भी लिख चुके हैं। वह विशेष तौर पर समसामयिक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखने के लिए जाने जाते हैं। जहां तक बात है कश्मीर फाइल्स की तो फिल्म को लेकर हर किसी का अपना मत है, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर फिल्म ताबड़तोड़ कमाई कर रही है। कुल मिलाकर इस फिल्म को देखने के लिए अभी भी सिनेमाघरों में भारी भीड़ उमड़ रही है। वर्तमान स्थिति को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि यह फिल्म सुपर हिट होने की की ओर अग्रसर है।