होम

वीडियो

वेब स्टोरी

भारत की अखंडता अक्षुण्ण रखने में पूर्वोत्तर का बड़ा योगदान: योगी आदित्यनाथ

IMG 20230215 WA0002

Share this:

पूर्वोत्तर राज्यों से आए विद्यार्थियों के समूह ने की मुख्यमंत्री से भेंट

Lucknow latest Hindi news : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारत की एकता और अखण्डता अक्षुण्ण रखने में पूर्वोत्तर राज्यों की राष्ट्रवादी भावना की सराहना की है। पूर्वोत्तर राज्यों से आए विद्यार्थियों के प्रतिनिधिमंडल से संवाद करते हुए उन्होंने कहा कि पराधीनता काल से लेकर आजादी के बाद भी पुर्वोत्तर राज्यों को शेष भारत से अलग-थलग रखने के अनेक प्रयास हुए। वर्षों तक वहां के लोगों को मूलभूत संसाधनों तक से वंचित रखा गया। लेकिन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में रंग, रूप, वेश, भाषा का भेद त्याग कर पूरा देश एकजुट होकर ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना के साथ ‘विकसित भारत’ के लिए अपना योगदान कर रहा है। पूर्वोत्तर के युवा आज जेईई, नीट और सिविल सेवा परीक्षा मंर सफलता प्राप्त कर अपने सपनों को पूरा कर रहे हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की वार्षिक ‘अंतर राज्य छात्र जीवन दर्शन (सील) कार्यक्रम के तहत आयोजित राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा-2023 के दौरान बुधवार को 27 विद्यार्थियों के समूह ने मुख्यमंत्री से भेंट की। राजधानी लखनऊ आगमन पर विद्यार्थियों का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश और पूर्वोत्तर के राज्यों के प्राचीन सांस्कृतिक व आध्यात्मिक संबंधों पर भी चर्चा की तो उनसे यात्रा के अनुभव के साथ- साथ पूर्वोत्तर के बारे में भी जानने का प्रयास किया।

भ्रमण के दौरान विधान भवन जरूर देखें

मुख्यमंत्री ने कहा कि 25 करोड़ की आबादी वाला उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है। लखनऊ इसकी राजधानी है। यहां भ्रमण के दौरान विधान भवन जरूर देखें। यहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट का आधुनिक माध्यम मेट्रो है, सभी उसका अनुभव प्राप्त करें। आजादी की लड़ाई ने असम, त्रिपुरा, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश की वीरगाथा का स्मरण करते हुए मुख्यमंत्री ने विद्यार्थी समूह को लखनऊ के निकट काकोरी भ्रमण का सुझाव भी दिया। सील प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जिस ‘एक भारत- श्रेष्ठ भारत’ के लिए काम करने की बात करते हैं वह कार्य अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद बहुत पहले यानि वर्ष 1966 से सील यात्रा के माध्यम से कर रहा है। उन्होंने कहा कि विविधता में एकता का जीवन्त अनुभव लेने का नाम है सील यात्रा।

एक नए परिवार का अनुभव प्राप्त होता है

पूर्वोतर और भारत के शेष राज्यों के बीच मन की दूरी को समाप्त कर हृदय को हृदय से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का काम इस सील यात्रा ने किया है। किसी होटल, गेस्ट हाउस आदि में रुकने की व्यवस्था से दूर इन विद्यार्थियों को विभिन्न परिवारों के बीच रहते हुए, अपने परिवार से दूर अपने एक नए परिवार का अनुभव प्राप्त होता है। यही आतिथ्य पूर्वोत्तर को शेष भारत के साथ आत्मीय जुड़ाव का कारण बनता है। पूर्वोत्तर को भारत की मुख्य धारा में लाने का सबसे सार्थक व उत्तम प्रयास अभाविप ने किया है। उन्होंने कहा कि दक्षिण एशिया के राष्ट्रों में भारतीय संस्कृति के प्रसार में पूर्वोत्तर के लोगों की बड़ी भूमिका रही है।

Share this:




Related Updates


Latest Updates