Now what is the matter that if you say ‘Sweety’ or ‘Baby’ then it becomes obscene’, in Kolkata High Court.., Kolkata news, West Bengal news, Kolkata High court : विविधताओं से भरे भारतीय समाज में भाषा और संस्कृति को लेकर कभी कभार बहुत विवाद बढ़ जाता है। एक शब्द किसी स्थान के लिए अच्छा माना जाता है तो वही अथवा उससे मिलता जुलता दूसरा शब्द दूसरी जगह के लिए अच्छा नहीं भी माना जाता है। स्वीटी और बेबी शब्द को लेकर मामला कोलकाता हाई कोर्ट में पहुंचा। किसी को स्वीटी या बेबी कह देने भर से ही यह यौन टिप्पणी नहीं बन जाती है। इसे यौन उत्पीड़न का रंग नहीं दिया जा सकता है। समाज के बहुत से हिस्से में किसी को इस अंदाज में संबोधित करने का रिवाज है। इस मामले में हाई कोर्ट के जस्टिस सब्यसाची भट्टाचार्या ने यह फैसला सुनाया है।
कानून का न करें बेजा इस्तेमाल
एडवोकेट अमृता पांडे ने यह जानकारी देते हुए बताया कि जस्टिस भट्टाचार्या ने चेतावनी दी कि इस बाबत कानून का बेजा इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। कोस्ट गार्ड की एक महिला कर्मचारी ने यह आरोप लगाते हुए हाई कोर्ट में रिट दायर की थी कि उसके सीनियर उसका यौन उत्पीड़न कर रहे हैं। वे उसे स्वीटी और बेबी कह कर बुलाते हैं। उसने आरोप लगाया था कि इस संबोधन में उनकी यौन लिप्सा की भनक मिलती है। दूसरी तरफ सीनियर का दावा था कि इस इरादे से उन्होंने कभी इन शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया था। इतना ही नहीं उसके एतराज जताने पर इनका इस्तेमाल बंद भी कर दिया था। जस्टिस भट्टाचार्या ने माना कि इंटर्नल कंप्लेंट कमेटी ने इन शब्दों पर एतराज जताया है पर यह हर समय यौन लिप्सा के रंग में रंगा नहीं होता है। उन्होंने कहा कि शिकायत काफी देर से की गई थी, इसलिए आईसीसी को कोई टीवी फुटेज भी नहीं मिला था। कोर्ट ने इस पीटिशन को खारिज कर दिया।