Buddh Purnima ko lagega Chandra grahan, National News : शुक्रवार यानी 5 मई बुद्ध पूर्णिमा को चंद्रमा उपछाया ग्रहण के साये में होगा। इसमें चांदनी कुछ फीकी सी होगी। नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि शाम 8 बजकर 44 मिनिट से यह ग्रहण आरंभ होकर रात्रि 1 बजकर 1 मिनिट पर समाप्त होगा । 4 घंटे 18 मिनिट अवधि के इस ग्रहण का मध्यकाल रात 10 बजकर 52 मिनिट पर होगा । यह उपछाया ग्रहण एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया , दक्षिणी पश्चिमी यूरोप में दिखाई देगा । विश्व की कुल आबादी का लगभग 83 प्रतिशत लोग इसका कुछ न कुछ भाग तथा लगभग 56 प्रतिशत लोग इस पूरे ग्रहण को देख सकेंगे ।
चंद्र ग्रहण के दौरान सूरज और चांद के बीच होगी पृथ्वी
सारिका ने विद्या विज्ञान कार्यक्रम में बताया कि इस घटना के समय सूरज और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जायेगी। इससे पृथ्वी की छाया और उपछाया दोनो बनेगी । इस ग्रहण के समय चंद्रमा उपछाया वाले भाग से होकर निकलेगा जिससे ग्रहण के दौरान चंद्रमा की चमक फीकी पड़ जायेगी। सारिका ने बताया कि बुद्ध पूर्णिमा के इस चंद्रमा को पश्चिमी देशों में वहां इस मौसम में प्रचुर मात्रा में खिलने वाले फूलों के कारण फ्लॉवर मून नाम दिया गया है । नेटिव अमेरिकी इसे बडिंग मून, एग लेयिंग मून, प्लाटिंग मून नाम से भी पुकारते हैं। इस कारण यह फ्लॉवर मून पर लगने वाला ग्रहण् भी कहला रहा है।
130 साल नहीं, 2 साल बाद बुध पूर्णिमा को लगेगा चंद्र ग्रहण
सारिका ने बताया कि सोशल मीडिया पर बताया जा रहा है कि 130 सालों बाद बुद्ध पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण हो रहा है, जबकि 26 मई 2021 को दिखा चंद्रग्रहण बुद्ध पूर्णिमा के दिन ही था इसके अलावा कुछ रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि इस ग्रहण के समय चंद्रमा पास होगा जबकि 5 मई को चंद्रमा पृथ्वी से लगभग 3 लाख 80 हजार किमी दूर रहेगा, यह कम नहीं मध्यम दूरी है । जबकि कम दूरी में सुपरमून के समय यह दूरी 3 लाख 60 हजार किमी के लगभग रह जाती है ।
–सारिका घारू@GharuSarika