Chennai news : विपक्ष ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की सरकार पर तमिलनाडु राज्य विपणन निगम के ज़रिए 1,000 करोड़ रुपये का शराब घोटाला करने का आरोप लगाया है। भाजपा ने भी दावा किया कि ईडी की चल रही छापेमारी ने बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताओं को उजागर किया है। इन आरोपों को सत्तारूढ़ DMK ने निराधार बताते हुए इसे सिरे से खारिज कर दिया है। भाजपा ने स्टालिन पर घोटाले से ध्यान हटाने के लिए त्रिभाषा नीति और अन्य मुद्दों पर निराधार अफवाहें फैलाने का भी आरोप लगाया।
सदन से भाजपा-AIADM ने किया वाकआउट
गौरतलब है कि ये आरोप उसी दिन सामने आए जिस दिन डीएमके सरकार ने राज्य विधानसभा में तमिलनाडु का बजट 2025-26 पेश किया। वित्त मंत्री थंगम थेनारासु ने महिलाओं के लिए किराया-मुक्त बस यात्रा योजना, रोजगार सृजन पहल और बुनियादी ढांचे के विकास सहित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए बड़े आवंटन की घोषणा की। हालांकि, विपक्षी दलों द्वारा बजट सत्र को बाधित किया गया, जिसमें अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) ने कथित घोटाले को लेकर वॉकआउट किया। विपक्ष के नेता एडप्पादी के पलानीस्वामी ने मांग की कि डीएमके सरकार कथित भ्रष्टाचार की नैतिक जिम्मेदारी ले और अपना इस्तीफा दे। भाजपा के साथ-साथ एआईएडीएमके ने भी ईडी के निष्कर्षों के बारे में राज्य सरकार से स्पष्टीकरण की मांग तेज कर दी है।
हम कानूनी रूप से मामले का सामना करने को तैयार
तमिलनाडु के मंत्री वी सेंथिल बालाजी ने शुक्रवार को कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा सरकारी शराब खुदरा विक्रेता ‘टीएएसएमएसी’ में 1000 करोड़ रुपये के घोटाले का दावा निराधार है। यह एक सामान्य आरोप है। हमारी सरकार कानूनी रूप से इस मामले का सामना करने के लिए तैयार है। आबकारी मंत्री ने कहा कि राज्य के स्वामित्व वाली शराब कंपनी तमिलनाडु राज्य विपणन निगम (टीएएसएमएसी) पारदर्शिता के साथ काम करती है। उन्होंने कहा कि ईडी अधिकारियों ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि कौन सी प्राथमिकी कार्रवाई शुरू करने का आधार बनी। उन्होंने कहा, ‘‘मामले में कानूनी कार्रवाई की जाएगी।’’